न्यूयार्क:
अमेरिकी शोधकर्ताओं की एक टीम ने अपने शोध में पाया है कि ज्यादातर पुरुषों की मौत महिलाओं से औसतन पांच वर्ष पहले हो जाती है। शोधकर्ताओं की टीम के अनुसार, ज्यादातर पुरुष अपनी समस्याओं के समाधान के लिए महिलाओं की तुलना में चिकित्सकों के पास कम जाते हैं।
भावनाएं व्यक्त करने में झिझकते हैं पुरुष
इस अध्ययन में यह भी पता चला है कि ऐसे पुरुष ज्यादातर महिलाओं की तुलना में पुरुष चिकित्सक के पास जाना ही ठीक समझते हैं और अपनी समस्या को पूरी ईमानदारी के साथ साझा नहीं करते। शोधकर्ताओं ने पाया कि पुरुषत्व के बारे में पारंपरिक सोच रखने वाले पुरुषों का मानना है कि उन्हें अपनी भावनाओं को जाहिर करते वक्त सख्त, निडर, आत्मनिर्भर और औपचारिक रहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति अपनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को नजरअंदाज करना ही ठीक समझते हैं।
जान को रहता है अधिक खतरा
अमेरिका की रुटगर्स यूनिवर्सिटी से संबद्ध डियाना सांचेज ने कहा, "हम जिस प्रश्न का उत्तर दे रहे हैं, वह यह है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों की मौत पहले क्यों होती है?" 'प्रिवेंटिव मेडिसिन' पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट में सांचेज ने कहा, "देखा जाए तो पुरुषों की मौत महिलाओं से औसतन पांच वर्ष पहले हो जाती है। शारीरिक भिन्नताओं से इसकी व्याख्या संभव नहीं।"
पुरुषों को पसंद होते हैं मेल डॉक्टरर्स
इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने 250 पुरुषों से ऑनलाइन माध्यम से एक प्रश्नावली भरने के लिए कहा, जिसमें पुरुषत्व और महिला, पुरुष के समान गुणों से संबंधित कई प्रश्न पूछे गए। इस प्रश्नावली में उन्होंने चिकित्सकों को लेकर उनकी पसंद के बारे में किए गए सवालों के भी जवाब दिए। इससे मिले परिणामों में यह सामने आया कि ज्यादातर पुरुषों ने महिला चिकित्सकों की बजाय पुरुष चिकित्सकों के पास जाने को प्राथमिकता दी, क्योंकि उनके अनुसार महिलाओं की तुलना में पुरुष चिकित्सक अधिक सक्षम होते हैं।
अपनी कमी स्वीकारने में डरते हैं पुरुष
सांचेज ने कहा कि पुरुषों की इस प्रतिक्रिया से साफ जाहिर होता है कि वह अपनी कमी या निर्भरता को किसी अन्य पुरुष के सामने जाहिर नहीं करना चाहते हैं, जिसमें पुरुष चिकित्सक भी शामिल हैं। शोधकर्ताओं ने इसी क्रम में समान प्रश्नावली को 250 महिलाओं से भरवाया। इससे यह निष्कर्ष सामने आया कि पुरुषों को महिला चिकित्सकों के साथ अपनी परेशानियों को बिना किसी हिचकिचाहट और शर्म के साथ साझा करना चाहिए और इससे उनकी स्थिति या स्तर को कोई नुकसान नहीं होगा।
भावनाएं व्यक्त करने में झिझकते हैं पुरुष
इस अध्ययन में यह भी पता चला है कि ऐसे पुरुष ज्यादातर महिलाओं की तुलना में पुरुष चिकित्सक के पास जाना ही ठीक समझते हैं और अपनी समस्या को पूरी ईमानदारी के साथ साझा नहीं करते। शोधकर्ताओं ने पाया कि पुरुषत्व के बारे में पारंपरिक सोच रखने वाले पुरुषों का मानना है कि उन्हें अपनी भावनाओं को जाहिर करते वक्त सख्त, निडर, आत्मनिर्भर और औपचारिक रहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति अपनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को नजरअंदाज करना ही ठीक समझते हैं।
जान को रहता है अधिक खतरा
अमेरिका की रुटगर्स यूनिवर्सिटी से संबद्ध डियाना सांचेज ने कहा, "हम जिस प्रश्न का उत्तर दे रहे हैं, वह यह है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों की मौत पहले क्यों होती है?" 'प्रिवेंटिव मेडिसिन' पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट में सांचेज ने कहा, "देखा जाए तो पुरुषों की मौत महिलाओं से औसतन पांच वर्ष पहले हो जाती है। शारीरिक भिन्नताओं से इसकी व्याख्या संभव नहीं।"
पुरुषों को पसंद होते हैं मेल डॉक्टरर्स
इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने 250 पुरुषों से ऑनलाइन माध्यम से एक प्रश्नावली भरने के लिए कहा, जिसमें पुरुषत्व और महिला, पुरुष के समान गुणों से संबंधित कई प्रश्न पूछे गए। इस प्रश्नावली में उन्होंने चिकित्सकों को लेकर उनकी पसंद के बारे में किए गए सवालों के भी जवाब दिए। इससे मिले परिणामों में यह सामने आया कि ज्यादातर पुरुषों ने महिला चिकित्सकों की बजाय पुरुष चिकित्सकों के पास जाने को प्राथमिकता दी, क्योंकि उनके अनुसार महिलाओं की तुलना में पुरुष चिकित्सक अधिक सक्षम होते हैं।
अपनी कमी स्वीकारने में डरते हैं पुरुष
सांचेज ने कहा कि पुरुषों की इस प्रतिक्रिया से साफ जाहिर होता है कि वह अपनी कमी या निर्भरता को किसी अन्य पुरुष के सामने जाहिर नहीं करना चाहते हैं, जिसमें पुरुष चिकित्सक भी शामिल हैं। शोधकर्ताओं ने इसी क्रम में समान प्रश्नावली को 250 महिलाओं से भरवाया। इससे यह निष्कर्ष सामने आया कि पुरुषों को महिला चिकित्सकों के साथ अपनी परेशानियों को बिना किसी हिचकिचाहट और शर्म के साथ साझा करना चाहिए और इससे उनकी स्थिति या स्तर को कोई नुकसान नहीं होगा।
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