रिलेशनशिप प्रॉब्लम: इन वजहों से गलत पार्टनर चुन लेते हैं हम

रिलेशनशिप प्रॉब्लम: इन वजहों से गलत पार्टनर चुन लेते हैं हम

प्रतिकात्मक तस्वीर

कई बार ऐसा होता है कि किसी के साथ वक्त बिताने के बाद हमें एहसास होता है कि सामने वाला शख्स हमारे काबिल नहीं है। ये जानने के बाद कुछ लोग तो ब्रेकअप कर आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो रिश्ते में खुश न होते हुए भी उसे तोड़ नहीं पाते।
 
गलत पार्टनर चुनना या फिर जानबूझकर गलत पार्टनर के साथ रिश्ता निभाते जाना, रिलेशनशिप से जुड़ी दो सबसे बड़ी समस्या है। इन परेशानियों के शुरू होने की वजह भी लगभग एक सी ही है।
 
ये हैं वो कारण जिनकी वजह से या तो हम गलत पार्टनर चुनते हैं या फिर बेमतलब से रिश्ते को कायम रखने पर मजबूर हो जाते हैं-
 
1. डर


एक आम मिडिल क्लास फैमिली में लोग शादी-ब्याह जैसे रिश्ते 'डरकर' ही बांधते हैं। घरवालों के ये डर सताता है कि बाहर वाले क्या सोचेंगे और शादी करने वाले को ये बात खलती है कि कहीं घरवाले उनसे रिश्ता न तोड़ दें। यहीं से एक गलत रिश्ते की नींव पड़ती है। शादी के बाद अगर एहसास हो भी गया कि जीवनसाथी गलत है तो भी रिश्ता तोड़ने से डर लगता है। तब डर इस बात का होता है कि कहीं समाज में लोग उन्हें तिरस्कृत न कर दें।
 
कुछ लव कपल्स ऐसे हैं जो एक दूसरे को लेकर बेहद पोजेसिव हैं। ऐसा एक दूसरे के प्रति प्यार की वजह से नहीं, बल्कि डर की वजह से ही है। डर इस बात का कहीं सामने वाला हमसे दूर न चला जाए। कई बार इसी वजह से कुछ लोग अपने 'इनफैचुएशन' को प्यार मानकर जल्दबाजी में शादी तक पहुंचा देते हैं और जब वक्त के साथ सामने वाले को करीब से जानने के मौका मिलता है, तब तक बहुत देर हो जाती है।
 
2. आप अपनी कद्र नहीं करते
कहते हैं, अगर जीवनसाथी या पार्टनर योग्य न हो तो ज़िंदगी मुश्किल हो जाती है। लेकिन जब आपको खुद अपनी ही वैल्यू पता नहीं तो आप अपने लिए सही लाइफ पार्टनर कैसे चुन पाएंगे? करियर या निजी ज़िंदगी में फेलियर आया नहीं, कि नाते-रिश्तेदार कोसना शुरू कर देते हैं। जो मज़बूत होते हैं वो तो इन तानों और टीका-टिप्पणियों से निपट लेते हैं। लेकिन जो ऐसा नहीं कर पाते वो भी दूसरों की तरह खुद को कोसना शुरू कर देते हैं। ऐसे में सारे अरमान और अपनी पहचान को परे रख हम किसी ऐसे शख्स से रिश्ता जोड़ लेते हैं जो वैचारिक, शारीरिक या आर्थिक स्तर पर हमारे बराबर का नहीं होता।
 
3.टूटा दिल

जब किसी का ब्रेकअप होता है तो जाहिर है उसे तकलीफ होती है। ऐसे नाज़ुक वक्त में अगर कोई उसके आंसू पोंछे तो लाज़मी है वो सामने वाले से ब्रेकअप के बाद ज़िंदगी में आए खालीपन को भरने की भी उम्मीद रखना शुरू कर दे। ऐसे में अगर सामने वाला हमारे लिए 'सही' नहीं होता तो भी हम उसके करीब चले जाते हैं, क्योंकि इस वक्त न दिल काम करता है न ही दिमाग। ऐसे रिश्तों को 'रिबाउंड रिलेशनशिप' कहते हैं।
 
अगर आपकी आपके पार्टनर से हर बात पर अनबन हो रही है या आप रिश्ते में घुट रहे हैं तो किसी और कोसने की ज़रूरत नहीं, गलती आपकी ही है। इसलिए इसका हल सिर्फ और सिर्फ आपके पास है और अगली बार किसी के करीब जाने से पहले इन तीन कारणों पर गौर करें फिर सोच समझकर कदम आगे बढ़ाएं।

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