
नई दिल्ली:
सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे श्वसन प्रणाली से संबंधित संक्रमण के इलाज के लिए दर्द निवारक दवाओं का सेवन भारी पड़ सकता है, क्योंकि इससे दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है. एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है. निष्कर्ष में पाया गया है कि श्वसन प्रणाली से संबंधित संक्रमण के दौरान नॉन-इंफ्लामेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) के इस्तेमाल से दिल के दौरे का जोखिम 3.4 गुना बढ़ जाता है.
वहीं, अस्पताल में ग्लूकोज के साथ नस में दी जाने वाली दर्द निवारक दवा से इसका खतरा 7.2 गुना बढ़ जाता है. ताइपे सिटी में नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के चेंग-चुंग फांग ने कहा, "चिकित्सकों को इस बात का पता होना चाहिए कि श्वसन प्रणाली से संबंधित संक्रमण के दौरान एनएसएआईडी के इस्तेमाल से हृदय रोग का जोखिम और बढ़ जाता है."
वहीं दूसरी ओर, जब मरीज को संक्रमण होता है और उसने कोई दवा नहीं ली, तो एक स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में उसे दिल के दौरे का खतरा 2.7 फीसदी अधिक होता है. साथ ही, शोधकर्ताओं का मानना है कि संक्रमण मुक्त होने के लिए मरीज ने जब दवाओं का इस्तेमाल किया, तो उसे दिल के दौरे का खतरा गिरकर 1.5 गुना रह गया. यह अध्ययन पत्रिका 'इन्फेक्शियस डिजिज' में प्रकाशित हुआ है.
वहीं, अस्पताल में ग्लूकोज के साथ नस में दी जाने वाली दर्द निवारक दवा से इसका खतरा 7.2 गुना बढ़ जाता है. ताइपे सिटी में नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के चेंग-चुंग फांग ने कहा, "चिकित्सकों को इस बात का पता होना चाहिए कि श्वसन प्रणाली से संबंधित संक्रमण के दौरान एनएसएआईडी के इस्तेमाल से हृदय रोग का जोखिम और बढ़ जाता है."
वहीं दूसरी ओर, जब मरीज को संक्रमण होता है और उसने कोई दवा नहीं ली, तो एक स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में उसे दिल के दौरे का खतरा 2.7 फीसदी अधिक होता है. साथ ही, शोधकर्ताओं का मानना है कि संक्रमण मुक्त होने के लिए मरीज ने जब दवाओं का इस्तेमाल किया, तो उसे दिल के दौरे का खतरा गिरकर 1.5 गुना रह गया. यह अध्ययन पत्रिका 'इन्फेक्शियस डिजिज' में प्रकाशित हुआ है.
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