Strict parenting negative impact : किस प्रकार की पेरेंटिंग बच्चों के लिए बेहतर होती है? सख्त पेरेंटिंग या उदार पेरेंटिंग? कई माता-पिता इस बात से जूझते हैं कि बच्चों को किस तरह का पालन पोषण किया, जो उन्हें अनुशासित बनाएं. इसमें से ज्यादा पेरेंट्स सख्ती वाला रास्ता अपनाते हैं जो बच्चों की सेहत और दिमाग दोनों पर ही बुरा असर डालती है. तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बताते हैं कि आखिर स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग के बच्चों के दिमाग पर क्या निगेटिव इंपैक्ट डालता है.
स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग के नुकसान
- अगर आप अपने बच्चे के साथ बहुत ज्यादा सख्ती के साथ पेश आती हैं तो फिर उसकी डिसीजन लेने की क्षमता कमजोर होती है. क्योंकि आप सारे फैसले उसके खुद लेने लगते हैं. इस तरह की पेरेंटिंग को खुद पर विश्वास नहीं रह जाता है. क्योंकि वो शुरू से वो अपने पेरेंट्स के कंट्रोल में रहते हैं.
- जो बच्चे बहुत ज्यादा स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग से गुजरते हैं तो उनके अंदर खुद का महत्व कम होता है. क्योंकि उनको शुरू से अपनी बात कहने नहीं दिया जाता जिसके कारण लगता है वो जो कुछ भी कहेंगे उसका कोई महत्व नहीं होगा. उनको आत्मसम्मान की कमी आ जाती है.
- ऐसे बच्चों में अकेलापन बहुत ज्यादा रहता है. बहुत ज्यादा अनुशासन के कारण उनके दोस्त बहुत नहीं बन पाते हैं. जिसके कारण वो अपने मन की बात किसी से कह नहीं पाते हैं, जो उनको अवसाद की चपेट में लाता है.
- सख्ती से पेश आना बच्चों के साथ ठीक नहीं है. बहुत ज्यादा नियम कानून बच्चों की ग्रोथ में बाधा डालता है. कुछ जगहों पर स्ट्रिक्ट होना ठीक है, लेकिन बहुत ज्यादा उनको मेंटली कमजोर कर सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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