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Shefali Jariwala Death : सुंदर द‍िखने का ये प्रेशर कहीं आपकी जान ना ले ले, जान‍िए डॉक्‍टर क्‍या सुझाव दे रहे हैं

Shefali Jariwala Death Cause: शेफाली जरीवाला की जान कार्डियाक अरेस्ट के चलते गई है. लेकिन, स्त्रोतों के अनुसार हेल्थ से जुड़ी दिक्कतें, एंटी-एजिंग इंजेक्शन और दवाइयां अचानक सेहत बिगड़ने की वजह हो सकती है. 

Shefali Jariwala Death : सुंदर द‍िखने का ये प्रेशर कहीं आपकी जान ना ले ले, जान‍िए डॉक्‍टर क्‍या सुझाव दे रहे हैं
Shefali Jariwala के निधन की वजह स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं. 

Lifestyle News: शेफाली जरीवाला का जिस दिन निधन हुआ था उस दिन उन्होंने व्रत रखा था. स्त्रोतों के अनुसार इसी दिन शेफाली ने एंटी-एजिंग (Shefali Jariwala Anti Aging) इंजेक्शन भी लिया था. इसके कुछ ही घंटों बाद शेफाली को रात 10 से 11 बजे के बीच कार्डियाक अरेस्ट हुआ, शेफाली की तबीयत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां शेफाली (Shefali Jariwala) ने आखिरी सांसें लीं. शेफाली की मौत कार्डियाक अरेस्ट से हुई है लेकिन उनके लाइफस्टाइल और दवाइयों को कार्डियाक अरेस्ट (Cardiac Arrest) को ट्रिगर करने की वजह बताया जा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि ये एंटी-एजिंग मेडिकेशन और सुंदर दिखने का प्रेशर कहीं सेहत को बिगाड़ने वाले तो साबित नहीं होते हैं. साथ ही, इसके पीछे क्या मानसिकता है कि सेहत नहीं बल्कि सुंदरता व्यक्ति की प्रायोरिटी बन जाती है. 

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फॉर्टिस अस्पताल (Fortis Hospital) की कंसल्टेंट साइकाइट्रिस्ट डॉ. रिया गुप्ता ने बताया कि किस तरह व्यक्ति प्रेशर लेने के बजाय अपने लाइफस्टाइल को बैलेंस रख सकता है जिससे सुंदर दिखने का तनाव सेहत को खराब ना करे. डॉक्टर ने कहा, "आज की तेज रफ्तार जिंदगी में संतुलित जीवनशैली अपनाना जरूरी है, लेकिन इसके लिए खुद पर अधिक दबाव डालना सही नहीं है. मानसिकता और सोच का हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है. जब हम निराशा, तनाव या चिंता में रहते हैं तो शरीर में कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाते हैं जिससे दिल, पाचन और नींद पर असर पड़ता है." 

नकारात्मक सोच किस तरह शरीर को प्रभावित करती है इसपर डॉक्टर ने बताया,  "लगातार नकारात्मक सोच इम्यून सिस्टम को भी कमजोर करती है. वहीं, सकारात्मक सोच, आत्मविश्वास और भावनात्मक स्थिरता शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है. छोटे-छोटे बदलाव जैसे समय पर सोना, पौष्टिक भोजन लेना, नियमित हल्का व्यायाम और डिजिटल डिटॉक्स से शुरुआत करें. अपने लिए समय निकालें, चाहे वह ध्यान हो या पसंदीदा शौक." 

दूसरों से खुद की तुलना करना शायद आज के समय में आम हो गया है. खासकर सोशल मीडिया पर हर दूसरे-तीसरे व्यक्ति को फिट और स्टाइलिश देखकर हम खुद को उस व्यक्ति से कंपेयर करने लगते हैं. डॉ. रिया ने इसपर सभी को सलाह देते हुए कहा, "खुद से तुलना न करें, हर किसी की यात्रा अलग होती है. जब जरूरत हो, मदद लेने में संकोच न करें. ध्यान, योग और थैरेपी जैसी तकनीकें मानसिक स्थिति को सुधारकर शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर कर सकती हैं. स्वस्थ शरीर की कुंजी एक संतुलित और सकारात्मक मन है क्योंकि शरीर वही अनुभव करता है जो मन सोचता है. संतुलन का मतलब है मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से सहज रहना न कि सब कुछ परफेक्ट करना. धीरे-धीरे बदलाव लाएं और धैर्य रखें."

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