वैज्ञानिकों ने हाथ से संचालित होने वाला एक अनोखा यंत्र विकसित किया है, जो वायरस (Virus) का शीघ्र पता लगा सकता है और उसकी पहचान कर सकता है. ‘पीएनएएस' नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, वायरोलॉजिस्ट (Virologist) का अनुमान है कि जानवरों में 16.7 लाख अज्ञात वायरस होते हैं, जिनमें से कई के संक्रमण में मनुष्य भी आ सकते हैं. H5N1, जीका और इबोला जैसे वायरस की वजह से बड़े पैमाने पर बीमारियां फैलीं और काफी मौतें हुई हैं.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) का कहना है कि जल्दी पता लगने से वायरस से निपटने संबंधी उपाय जल्दी कर वायरस को फैलने से रोका जा सकता है. अमेरिका में पेन स्टेट यूनिवर्सिटी और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर मौरिसियो टेरोनेस ने कहा, ‘‘हमने एक तेज और सस्ता उपकरण विकसित किया है जो आकार के आधार पर वायरस का पता लगा सकता है.''
टेरोनेस ने कहा, ‘‘हमारा उपकरण नैनोट्यूब की सारणी का उपयोग करता है, जिसे वायरस की एक विस्तृत रेंज के अनुसार डिजाइन किया गया है. फिर हम रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग कर कंपन के आधार पर वायरस की पहचान करते हैं.''
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शोधकर्ताओं ने कहा कि इस उपकरण को ‘वाइरियन' कहा जाता है और इसके संभावित उपयोग का दायरा बहुत बड़ा है. उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, फसलों में लगने वाले वायरस का जल्दी पता लगने से किसानों की पूरी फसल बच सकती है. पशुओं में वायरस का जल्द पता लगने से उन्हें बीमारियों से बचाया जा सकता है.
शोधकर्ताओं के अनुसार, मौजूदा तरीकों से वायरस का पता लगाने के लिए कई दिन लगते हैं, जबकि इस उपकरण के जरिये इनका तुरंत पता लगाया जा सकता है.