Lockdown में परिवार को घर पहुंचाने के लिए शख्स ने चोरी की बाइक, फिर इस तरह लौटाई वापस

कुमार ने चोर को पकड़ने के लिए हर संभव कोशिश की लेकिन वह कुछ नहीं कर पाया. हालांकि, कुछ दिन बाद कुमार को पास की एक पार्सल सर्विस से फोन आया और जब वह वहां पहुंचा तो उसे उसकी बाइक वापस मिल गई.

Lockdown में परिवार को घर पहुंचाने के लिए शख्स ने चोरी की बाइक, फिर इस तरह लौटाई वापस

शख्स ने अपने परिवार को घर पहुंचाने के लिए बाइक चोरी की थी. (प्रतिकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

कोरोनावायरस लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के कारण कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आर्थिक तंगी, बेरोजगारी और खासकर प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को अपने घर जाने के लिए मुश्किल रास्ते अपनाने पड़े. उदाहरण के लिए एक बेटी अपने पिता को साइकिल पर लेकर गई. इस तरह के बहुत से दूसरे मामले भी सामने आए हैं. इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने अपने परिवार को घर पहुंचाने के लिए एक बाइक चुराई और फिर पार्सल कर मालिक को वापस लौटा दी. 

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु के कोयंबटूर में यह शख्स एक चाय की दुकान चलाता था लेकिन लॉकडाउन के बाद उसने अपने परिवार को तंजावुर में घर पहुंचाने के लिए एक मोटरबाइक चोरी की थी. बता दें कोयंबटूर से तंजावुर लगभग 268 किलोमीटर दूर है. हालांकि, 2 हफ्ते बाद शख्स ने मोटरबाइक उसके मालिक को पार्सल कर दी.

बाइक के मालिक कुमार कोयंबटूर से 20 किलोमीटर दूर काम करते हैं. इस बारे में बात करते हुए पुलिस ने कहा, ''कुमार को उस दिन अपनी दुकान में कुछ काम था लेकिन जब वह ऑफिस से बाहर आया तो उसकी बाइक गायब थी. इसके बाद कुमार पास के पुलिस स्टेशन गया और श‍िकायत दर्ज कराई. लेकिन पुलिस को आरोपी की जानकारी नहीं मिली और फिर वो लॉकडाउन से जुड़े काम में व्यस्त हो गई.'' 

इस वजह से कुमार बिल्डिंग में लगे सीसीटीवी को देखने के लिए बिल्डिंग के मालिक के पास गया. फुटेज में एक शख्स पैंट और शर्ट में बिना चप्पल के बाइक ले जाता हुआ नजर आया. इसके बाद पास में रहने वाले एक व्यक्ति ने उसकी पहचान प्रशांत के रूप में की जो पिछले 2 साल से वहां चाय की दुकान चला रहा है. कुमार ने बताया कि इसके बाद हम उसके घर गए लेकिन वह वहां नहीं था और वह अपने परिवार के साथ अपने जन्म स्थान चला गया था.

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कुमार ने चोर को पकड़ने के लिए हर संभव कोशिश की लेकिन वह कुछ नहीं कर पाया. हालांकि, कुछ दिन बाद कुमार को पास की एक पार्सल सर्विस से फोन आया और जब वह वहां पहुंचा तो उसे उसकी बाइक वापस मिल गई. हालांकि, कुमार को बाइक ले जाने से पहले 1,400 रुपये लगेज और पैकिंग चार्ज के देने पड़े थे.