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मम्मी-पापा ध्यान दें! रात की ये 2 आदतें आपके बच्चे में भर देंगी कॉन्‍फ‍िडेंस, फ‍िर नाम करेगा रोशन

Bedtime Routine for Kids: बेडटाइम में बच्चों को पैरेंट्स सिर्फ कहानी नहीं, बल्कि दो हैबिट्स जरूर सिखाएं. पहला पॉजिटिव अफर्मेशन और दूसरा प्रेयर्स करना. ये हैबिट्स उनके सबकॉन्शियस माइंड में जाकर धीरे-धीरे उनकी थिकिंग और पर्सनालिटी को स्ट्रॉन्ग बनाती हैं.

मम्मी-पापा ध्यान दें! रात की ये 2 आदतें आपके बच्चे में भर देंगी कॉन्‍फ‍िडेंस, फ‍िर नाम करेगा रोशन
हर रात दो शब्दों से बदल सकती है बच्चों की सोच.

Bedtime Routine for Kids: छोटे बच्चों का दिमाग एक साफ स्लेट की तरह होता है. उस पर आप जो लिखेंगे, वो ही उनका फ्यूचर बनेगा. उस पर सबसे ज्यादा असर तब होता है, जब बच्चा दिनभर की उछल-कूद के बाद अपने बिस्तर पर आता है. जी हां, बेडटाइम यानी बच्चों का सबसे सॉफ्ट और इमोशनली रिसेप्टिव मोमेंट, जहां आप चाहें तो उनकी थिकिंग, हैबिट्स और कॉन्फिडेंस-पर्सनालिटी में गजब (Kids Bedtime Habits to Improve Personality) बदलाव ला सकते हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा न सिर्फ स्मार्ट और कॉन्फिडेंट बने, बल्कि अंदर से पॉजिटिव और ग्रेटफुल इंसान (Parenting Tips for Child Mindset) भी हो तो सिर्फ 5 मिनट का बेडटाइम रिचुअल (Benefits of Bedtime Affirmations) आपके काम आ सकता है. इसलिए हर रात सोने से पहले बच्चों से दो काम जरूर करवाइए.

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1. पॉजिटिव अफर्मेशन (Positive Affirmations)

जब बच्चे सोने जाते हैं तो उनका ब्रेन धीरे-धीरे 'Theta Mode' में चला जाता है. यह वही स्टेज होती है, जहां दिमाग बाहरी दुनिया से हटकर सीधा अंदर की गहराइयों में जाता है यानी सबकॉन्शियस माइंड तक. इस स्टेज में जो भी बातें बच्चा सुनता या दोहराता है, वो सीधा उसके मन में बैठ जाती हैं. इसलिए इस टाइम अगर आप उसे ये सिखाएं कि वो स्ट्रॉन्ग है, इंटेलिजेंट है, हार्ड वर्किंग है तो ये सिर्फ शब्द नहीं रहेंगे, बल्कि उसकी पर्सनालिटी का हिस्सा बन जाएंगे. कुछ लाइंस ही डेली बोलने से बच्चों के बिहैवियर में असर दिखने लगता है. इससे बच्चे ज्यादा कॉन्फिडेंस होंगे और पॉजिटिव माइंडसेट होगा.

बच्चे से कौन से Affirmations बुलवाएं

मैं एक स्ट्रॉन्ग पर्सन हूं.
मैं शांत हूं और कंट्रोल में हूं.
मैं बहुत इंटेलिजेंट हूं.
मैं अपनी पढ़ाई को एंजॉय करता हूं.
मैं अपने मम्मी-पापा से बहुत प्यार करता हूं.
मैं हर दिन कुछ नया सीखता हूं.
मैं अपनी टीचर्स की रिस्पेक्ट करता हूं.

पॉजिटिव अफर्मेशन से फायदे (Positive Affirmations Benefits)

1. बच्चों का ब्रेन सोने से पहले 'Theta Mode' में होता है, जो कि सीखने और स्टोर करने का सबसे पावरफुल स्टेट है. इस टाइम की गई बातें सीधा उनके अंदर गहराई तक जाती हैं.
2. 'मैं स्ट्रॉन्ग हूं', 'मैं स्मार्ट हूं', 'मुझे स्कूल पसंद है' जैसी बातें रोज सुनकर बच्चा खुद को वाकई में ऐसा समझने लगता है यानी अंदर से कॉन्फिडेंट बनता है.
3. डेली पॉजिटिव बातें कहने से डर, शर्म, इनफ‍िरियरिटी कॉम्प्लेक्स और निगेटिव थिंकिंग धीरे-धीरे गायब होने लगती है.
4. 'मैं इंटेलिजेंट हूं', 'मुझे पढ़ना पसंद है' जैसी लाइंस बच्चों के फोकस और पढ़ाई को लेकर नजरिया सुधारते हैं.
5. बच्चों का बिहैवियर, सेल्फ-कॉन्फिडेंस, बोलने का तरीका और सोचने का तरीका सब धीरे-धीरे पॉजिटिव हो जाता है.

2. बच्चों से प्रेयर्स करवाइए (Gratitude Prayer)

दूसरी जरूरी चीज Gratitude है. जब बच्चा दिनभर के बाद भगवान को थैंक्यू कहता है, तो उसका दिल सॉफ्ट बनता है और रिश्तों को लेकर उसका नजरिया अच्छा हो जाता है. इसलिए बच्चे से रात को सोने से पहले कुछ छोटी और प्यारी प्रार्थनाएं कराइए.

बच्चों से क्या बुलवाएं

भगवान, आपने जो कुछ भी दिया, उसके लिए Thank You.
मैं अपनी फैमिली से बहुत प्यार करता हूं.
मुझे मेरी मम्मी-पापा की बातें अच्छी लगती हैं.
मैं खुश हूं कि मेरे पास एक अच्छा घर, खाना और प्यार करने वाली फैमिली है.
अगर आप चाहें, तो प्रार्थना को उसके शब्दों में बोलने दीजिए, जो वो महसूस करता है, वही बोले. इससे बच्चा सिर्फ कॉन्शियस माइंड में नहीं, बल्कि दिल से शुक्रगुजार और अच्छा इंसान बनना सीख जाएगा.

प्रेयर्स से फायदे (Prayer Benefits)

1. 'थैंक्यू भगवान जो आपने हमें इतना सब कुछ दिया है', ऐसे प्रेयर्स बच्चों को विनम्र और थैंक्यू बोलने वाला इंसान बनाती हैं.
2. जब बच्चा कहता है 'मैं मम्मी-पापा को बहुत प्यार करता हूं', तो उससे उसका फैमिली के लिए कनेक्शन स्ट्रॉन्ग होता है.
3. प्रेयर करने से मन शांत होता है, स्ट्रेस कम होता है और बच्चा बेहतर नींद ले पाता है.
4. प्रार्थना से बच्चे के अंदर आस्था, पॉजिटिव एनर्जी और लाइफ को लेकर बड़ी सोच बनती है.
5. इससे बच्चा सेल्फ-कंट्रोल और इमोशनल बैलेंस करना सीखता है.    प्रस्‍तुत‍ि: रोह‍ित कुमार 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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