Bad Cholesterol: आजकल का खानपान सिर्फ घर तक ही सीमित नहीं है. एक समय था जब लोग महीने में 2 से 3 बार बाहर का खाना खाते थे और अब वो समय है जब हर दूसरे-तीसरे दिन ही बाहर का खाया जाता है. बहुत से लोगों का तो दिन ही कुछ मसालेदार जंक फूड खाए बिना पूरा नहीं होता. ऐसे में इन चटपटी, मसालेदार और जरूरत से ज्यादा तेल वाली चीजों को खाने पर शरीर में कॉलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ने लगती है. हाई कॉलेस्ट्रोल (High Cholesterol) कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का कारण बनता है जिनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी शामिल है.
हाई कॉलेस्ट्रोल को साइलेंट किलर (Silent Killer) भी कहा जाता है. कॉलेस्ट्रोल एक तरह का फैटी पदार्थ होता है जिसकी शरीर को सेल मेंब्रेंस, हार्मोंस और पाचन को मेंटेन करने के लिए जरूरत होती है. लेकिन, जब इस कॉलेस्ट्रोल की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है तो परेशानी का सबब बन जाती है. गंदा कॉलेस्ट्रोल रक्त वाहिनियों में जमना शुरू हो जाता है और रक्त प्रवाह को अवरुद्ध करने लगता है. इससे शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द रहने लगता है, मोटापा बढ़ता है, दिल की दिक्कतों में इजाफा होता है और स्वास्थ्य संबंधी अलग-अलग परेशानियां व्यक्ति को घेरने लगती हैं.
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इस बढ़े हुए कॉलेस्ट्रोल को कम करने के लिए डाइट में बदलाव किया जा सकता है. हम सभी गेंहू के आटे से बनी रोटी तो खाते ही हैं, लेकिन गेंहू के आटे में काला चना पीसकर डाला जाए और फिर इस आटे से रोटी बनाकर खाई जाए तो कॉलेस्ट्रोल कम होने में असर दिख सकता है. काले चने (Black Chana) में फाइबर की अत्यधिक मात्रा होती है और साथ ही इसमें अनसैचुरेटेड फैट्स भी होते हैं जो कॉलेस्ट्रोल कम करने में असर दिखाते हैं. ना सिर्फ हाई कॉलेस्ट्रोल कम करने बल्कि दिल की सेहत दुरुस्त रखने में भी चने और गेंहू के आटे (Wheat Flour) से बनी रोटियां फायदेमंद होती हैं.
काले चने (Kala Chana) वेट मैनेजमेंट भी मददगार होते हैं. काले चने के आटे से बनी रोटियां खाने पर पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहता है. इससे बार-बार भूख नहीं लगती है और एक्सेस फूड इंटेक कम होता है. पाचन को दुरुस्त बनाए रखने में भी काले चने के फायदे देखने को मिलते हैं. ऐसे में गेंहू के आटे में रोजाना ना भी सही तो हफ्ते में 2 से 3 बार काले चने को पीसकर डाला जा सकता है और उसकी रोटी बनाकर खाई जा सकती है. इससे हाई कॉलेस्ट्रोल कम होगा और पाचन भी अच्छा रहेगा.