विज्ञापन
This Article is From Jan 15, 2020

काशी के छप्पन भोग कद्दू के हैं कई फायदे, खुद वैज्ञानिकों ने कहा- ''इसमें हैं...''

50 से 55 दिन में प्रथम तुड़ाई और लगातार 70 दिन तक फल देने वाली इस फसल में लगभग सभी प्रकार के विटामिन एवं खनिज तत्व हैं. इनमें मुख्य रूप से विटामिन ए (211 मिग्रा), विटामिन सी (20.9 मिग्रा) तथा पोटैग्रायम (319 मिग्रा) एवं फॉस्फोरस (52 मिग्रा) मिलता है.

काशी के छप्पन भोग कद्दू के हैं कई फायदे, खुद वैज्ञानिकों ने कहा- ''इसमें हैं...''
वैज्ञानिक सुधाकर पांडेय ने बताया कि छप्पन कद्दू औषधीय गुणों से लबरेज है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
वाराणसी:

प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) का काशी शुभांगी या छप्पन भोग कद्दू बड़े-बड़े गुणों से लबालब हैं. यह आमदानी बढ़ाने वाला तो है ही, स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है. इसमें न सिर्फ किसानों को ताकत देने की क्षमता है, बल्कि स्वास्थ को भी दुरुस्त रखने की भी क्षमता है. यह संभव किया है वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने. संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक सुधाकर पांडेय ने बताया कि छप्पन कद्दू कद्दूवर्गीय की महत्वपूर्ण सब्जी फसल ही नहीं, बल्कि औषधीय गुणों से लबरेज है. छोटे पौधे वाला यह कद्दू बड़े-बड़े गुणों से भरा हुआ है. किसानों को आर्थिक मजबूती देने वाला यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है. इसमें हाईडीजीज रिस्क, ब्लड प्रेशर मोटापा कम करने की क्षमता है.

यह भी पढ़ें: आकर्षण का केंद्र बना हुआ है 25 किलो का कद्दू और 15 किलो की लौकी

50 से 55 दिन में प्रथम तुड़ाई और लगातार 70 दिन तक फल देने वाली इस फसल में लगभग सभी प्रकार के विटामिन एवं खनिज तत्व हैं. इनमें मुख्य रूप से विटामिन ए (211 मिग्रा), विटामिन सी (20.9 मिग्रा) तथा पोटैग्रायम (319 मिग्रा) एवं फॉस्फोरस (52 मिग्रा) मिलता है. यह प्रति 100 ग्राम फल में पाया जाता है. इतना ही नहीं, इस सब्जी में पोषक तत्वों की प्रचुरता है. आईआईवीआर में विकसित इस प्रजाति को खेत के अलावा गमले में भी लगाया जा सकता है.

भूमि की अच्छी तरह जुताई करें. 4-5 बार गहरी जुताई करके पाटा चलाएं. तैयार खेत में निश्चित दूरी पर बेड़ बनाएं. 3.5-4.5 किग्रा प्रति हेक्टेयर बीज को बुवाई से पहले फफूंदी नाशक दवा (2.5 ग्राम कैप्टान या 3.0 ग्राम थिरम) से उपचारित करें. पूर्वी उत्तर प्रदेश में फसल की बुआई सितंबर माह के द्वितीय पखवाड़े से लेकर नवंबर के प्रथम पखवाड़े तक करें. लोटनेल की सुविधा होने पर दिसंबर महीने में भी बुआई की जा सकती है.

खेत में उपयुक्त नमी न हो तो बुवाई के समय नाली में हल्का पानी लगाएं. बीज का जमाव अच्छा होगा. 10-15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहें. अच्छी पैदावार के लिए टपक सिचाई प्रणाली का उपयोग करें. उन्होंने बताया कि फल कोमल एवं मुलायम अवस्था में तोड़े. 2-3 दिनों के अन्तराल पर फलों की तुड़ाई करें. छप्पन कद्दू की औसत उपज 325-350 कुंतल पति हेक्टेयर है. वैज्ञानिक खेती से लागत लाभ का अनुपात 1:3 का होता है.

एक फल 800-900 ग्राम का होगा. लंबाई 68-75 सेमी तथा गोलाई 21-24 सेमी होगी. प्रति पौधा औसतन 8-10 फल मिलेंगे. 325-350 कुंतल प्रति हेक्टेयर उपज प्राप्त होगा. एक हेक्टेयर में 7000-7500 पौधे लगाए जाते हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com