कई लाइलाज बीमारियों का रामबाण इलाज है तुलसी

आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, तुलसी कई लाइलाज और लाइफस्‍टाइल से जुड़ी बीमारियों का अचूक इलाज है. उन्होंने कहा कि तुलसी के इस्‍तेमाल से सस्ता और सुलभ तरीके से इलाज किया जा सकता है.

कई लाइलाज बीमारियों का रामबाण इलाज है तुलसी

बेहद गुणकारी है तुलसी

खास बातें

  • तुलसी इम्‍यूनिटी बढ़ाकर वायरल इंफेक्‍शन से आराम द‍िलाती है
  • सिर और कान की बीमारियां दूर कर सकती है तुलसी
  • पेट की गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिलाने में तुलसी कारगर
नई द‍िल्‍ली :

हिंदुओं में तुलसी को पवित्र माना जाता है. पुराने समय से ही तुलसी में सुबह-शाम जल चढ़ाने के साथ ही दीपक जलाकर पूजा करने की परंपरा रही है. तुलसी का धार्मिक महत्‍व तो है ही, साथ ही यह कई बीमारियों का रामबाण इलाज है. तुलसी सांस की बीमारी, मुंह के रोगों, बुखार, दमा, फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग और तनाव से छुटकारा पाने में बहुत ही कारगर है. तुलसी शरीर की इम्‍यूनिटी बढ़ाने के साथ ही वायरल इंफेक्‍शन, बालों और स्‍किन की बीमारियों को भी दूर करती है. हरिद्वार स्थित पंतजलि आयुर्वेद संस्‍थान के आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, तुलसी कई लाइलाज और लाइफस्‍टाइल से जुड़ी बीमारियों का अचूक इलाज है. उन्होंने कहा कि तुलसी के इस्‍तेमाल से सस्ता और सुलभ तरीके से इलाज किया जा सकता है. यहां उन्होंने बताएं बीमारी और उसमें तुलसी की प्रयोग विधि.

अच्‍छी हेल्‍थ के लिए घर में लगाएं तुलसी, मिलेंगे ये 5 फायदे

सिर की बीमारियां
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तुलसी की छाया शुष्क मंजरी के 1-2 ग्राम चूरन को शहद के साथ खाने से सिर से संबंध‍ित बीमारियों में लाभ मिलता है.
- तुलसी की पांच पत्तियों को रोजाना पानी के साथ निगलने से बुद्धि, और मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है.
- तुलसी तेल को 1-2 बूंद नाक में टपकाने से पुराना सिर दर्द दूर हो जाता है.
- तुलसी के तेल को सिर में लगाने से जुएं और लीखें मर जाती हैं. तेल को मुंह पर मलने से चेहरे का रंग साफ हो जाता है.
 

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कान की बीमारियां

- तुलसी के पत्तों के रस को गर्म करके दो-दो बूंद कान में टपकाने से कान का दर्द दूर होता है.
- तुलसी के पत्ते, एरंड की कोपलें और चुटकी भर नमक को पीसकर कान पर उसका गुनगुना लेप लगाने कान के पीछे की सूजन चली जाती है.
  मुंह की बीमारियां
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काली मिर्च और तुलसी के पत्तों की गोली बनाकर दांत के नीचे रखने से दांत के दर्द में आराम मिलता है.
- तुलसी के रस को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करने से गले की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है.
- तुलसी के रस वाले पानी में हल्दी और सेंधा नमक मिलाकर कुल्ला करने से मुंह, दांत और गले का दर्द दूर होता है.
 
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सीने की बीमारियां
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अगर आपको सर्दी-खांसी और जुकाम है तो 50 ग्राम तुलसी की पत्तियों में 25 ग्राम अदरक और 15 ग्राम काली मिर्च को आधे लीटर पानी में मिलाकर गारगल करें. बाकि बचे पानी को छानकर इसमें 10 ग्राम छोटी इलायची के बीजों का चूरन और 200 ग्राम चीनी डालकर पकाएं. एक बार की चाशनी हो जाने पर छानकर रख लें.
- इस शर्बत को आधे से डेढ़ चम्मच की मात्रा में बच्चों और दो से चार चम्मच तक बड़ों को सेवन करना चाहिए. इससे खांसी, काली खांसी, कुक्कर खांसी, गले की खराश में फायदा मिलता है.
- इस शर्बत में गर्म पानी मिलाकर लेने से जुकाम और दमा में बहुत लाभ होता है.
- तुलसी की मंजरी, सोंठ, प्याज का रस और शहद मिलाकर चटाने से सूखी खांसी और बच्चे के दमें में लाभ होता है.
 
पेट की बीमारियां
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10 मिली तुलसी के पत्तों के रस में इसी मात्रा में अदरक का रस और 500 मिलीग्राम इलायची चूरन मिलाकर लेने से उल्‍टी में आराम मिलता है. 
- अगर किसी को भूख नहीं लगती तो उसे तुलसी पत्तों के रस को दिन में तीन बार भोजन से पहले पीने से आराम मिलेगा.
- तुलसी की 2 ग्राम मंजरी को पीसकर काले नमक के साथ दिन में तीन से चार बार लेने से लाभ होता है.
 
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हड्डियों की बीमारियां

- दो से चार ग्राम तुलसी चूर्ण का सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करने से गठिया के दर्द में लाभ होता है.
 
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बच्‍चों की बीमारियां

- छोटे बच्चों को सर्दी जुकाम होने पर तुलसी और 5-7 बूंद अदरक रस को शहद में मिलाकर चटाने से कफ और सर्दी-जुकाम ठीक हो जाता है.
 
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