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This Article is From Dec 06, 2017

भीमराव आंबेडकर की इन 11 बातों को मानकर आप भी बन सकते हैं अच्‍छे इंसान

डॉ भीराव आंबेडकर ने छह दिसंबर 1956 को अंतिम सांस ली थी. आज का दिन ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. भारत रत्‍न आंबेडकर की बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी पहले थीं. उनके कथन सिर्फ बातें नहीं बल्‍कि जीवन जीने की कला हैं.

भीमराव आंबेडकर की इन 11 बातों को मानकर आप भी बन सकते हैं अच्‍छे इंसान
डॉ भीमराव आंबेडकर
नई द‍िल्‍ली: भारतीय संविधान के प्रमुख रचनाकार बाबा साहेब आंबेडकर ने छह दिसंबर 1956 को अंतिम सांस ली थी. आज का दिन ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.  बाबा साहेब के नाम से मशहूर डॉक्‍टर आंबेडकर ने छुआ-छूत और जातिवाद के खात्‍मे के लिए खूब आंदोलन किए. उन्‍होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, दलितों और समाज के प‍िछड़े वर्गों के उत्‍थान के लिए न्‍योछावर कर दिया. अपने जमाने के वो ऐसे राजनेता थे जो सामाजिक कार्यों में बेहद व्‍यस्त रहते थे लेकिन इसके बावजद वह लिखने-पढ़ने का वक्‍त निकाल ही लेते थे. भारत रत्‍न आंबेडकर की बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी पहले थीं. उनके कथन सिर्फ बातें नहीं बल्‍कि जीवन जीने की कला हैं. डॉक्‍टर आंबेडकर की पुण्‍यतिथ‍ि के मौके पर हम आपको उनके विचारों के बारे में बता रहे हैं, जिन्‍हें आप भी अपने जीवन में उतारकर एक बेहतर इंसान बन सकते हैं: 

भीमराव आंबेडकर के जीवन से जुड़े 5 रोचक तथ्य

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VIDEO: बाबा साहब अंबेडकर का लोक रूप

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