क्या आपने कभी सोचा है कि जब कोई आप पर हमला करता है या चुभने वाली कोई बात कहता है तो अचानक ऐसा क्या हो जाता है जिससे आप आग बबूला और बदला लेने के लिए आतुर हो जाते हो. दरअसल इन सबके पीछे आपका पूरा मस्तिष्क तंत्र काम कर रहा होता है.
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एक स्टडी के मुताबिक, संघर्ष में उलझे लोगों में 'लव हार्मोन' ऑक्सीटोसिन का स्तर बढ़ सकता है और यह फैसले लेने की गतिविधि से जुड़े मस्तिष्क के तंत्र को प्रभावित कर सकता है. इस स्टडी में उन तथ्यों पर ज़ोर डाला गया है जिससे लोग बदले की आग में जल उठते हैं.
पत्रिका 'ईलाइफ' में प्रकाशित स्टडी में कहा गया है कि हार्मोन का स्तर बढ़ने से एक समूह के बीच प्यार और हमदर्दी की भावना बढ़ती है और साथ ही जब कोई बाहरी समूह हमला करता है तो बदला लेने की इच्छा भी बढ़ जाती है.
चीन के पेकिंग विश्वविद्यालय समेत शोधकर्ताओं की स्टडी यह पता लगाने में मदद कर सकती है कि जब कोई झड़प कुछ लोगों के बीच शुरू होती है तो वह पूरे समुदायों तक कैसे फैल जाती है.
पेकिंग विश्वविद्यालय के स्टडी के मुख्य लेखक शियाओचुन हान ने कहा, "झड़प के दौरान किसी हमले का बदला लेने की इच्छा सभी मनुष्यों में होती है लेकिन इसके पीछे की न्यूरोबायोलॉजिकल प्रक्रिया अब भी स्पष्ट नहीं है."
पूर्व के अध्ययनों के आधार पर उन्होंने कहा कि ऑक्सीटोसिन किसी समूह में हमदर्दी की भावना में भूमिका निभाता है और अंतर समूह संघर्ष को नियंत्रित करता है.
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