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Anulom Vilom: रोजाना अनुलोम-विलोम करने से शरीर और मन को मिलती है शांति, जानें इसके बेहतरीन फायदे

आप योगा तो रोज करते हैं, अगर आप अनुलोम और विलोम रोज कर रहे हो तो इसके फायदे भी जान लीजिए. जी हां, अनुलोम और विलोम सही तरीके से किया जाता है तो उससे आपको 101 फायदे मिलते हैं.

Anulom Vilom: रोजाना अनुलोम-विलोम करने से शरीर और मन को मिलती है शांति, जानें इसके बेहतरीन फायदे
अनुलोम-विलोम से पाचन क्रिया बेहतर होती है.

Benefits Of Anulom Vilom: आजकल की भागदौड़ और तनावपूर्ण (Stress) जिंदगी में शरीर और मानसिक सेहत को बनाए रखना बेहद मुश्किल हो जाता है. लेकिन, अगर आप शारीरिक और मानसिक शांति (Mental Health) के साथ-साथ ताजगी की तलाश में हैं तो अनुलोम-विलोम प्राणायाम आपके लिए एक बेहतरीन उपाय हो सकता है. यह एक तरह का श्वसन अभ्यास (Breathing Practise) है जो मानसिक तनाव को कम करने, शरीर में ऊर्जा को बढ़ाने और कई बीमारियों से बचाव में मदद करता है. आइए जानते हैं कि अनुलोम-विलोम क्या है और इसके लाभ क्या हैं.

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क्या है अनुलोम-विलोम

अनुलोम-विलोम प्राणायाम एक प्रकार की श्वास प्रक्रिया है जिसमें एक नॉस्ट्रिल से सांस ली जाती है और दूसरी नॉस्ट्रिल से बाहर छोड़ी जाती है. इसे 'नाडी शोधन' भी कहा जाता है, जिसका मतलब है शरीर में ऊर्जा के मार्ग को साफ करना. इस प्राणायाम को नियमित रूप से करने से शरीर और मन को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और सेहत में सुधार होता है. इसे बैठकर किया जाता है और यह शांति और मानसिक संतुलन के लिए एक आदर्श तरीका माना जाता है.

अनुलोम-विलोम के लाभ

अस्थमा और साइनस जैसी सांस संबंधी बीमारियों में बेहद कारगर अनुलोम-विलोम श्वसन प्रणाली को सुधारने में मदद करता है, जिससे अस्थमा और साइनस जैसी बीमारियों से राहत मिलती है. यह श्वास के मार्ग को साफ करता है और श्वास की धारा को बेहतर बनाता है, जिससे सांस से जुड़ी समस्याओं में कमी आती है.

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तनाव में राहत

रोज़ाना अनुलोम-विलोम करने से तनाव और चिंता में कमी आती है. यह श्वास के धीमे और गहरे प्रवाह के कारण शरीर और मस्तिष्क में शांति और संतुलन लाता है, जिससे मानसिक तनाव में राहत मिलती है.

अच्छी नींद

अनुलोम-विलोम से शरीर में गहरी और शांत नींद आने में मदद मिलती है. यह शरीर को आराम देने और मस्तिष्क को शांत करने में सहायक है, जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है.

बीपी की परेशानी में फायदेमंद

रक्तचाप (बीपी) की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए अनुलोम-विलोम एक वरदान साबित हो सकता है. यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है और शरीर को संतुलन में बनाए रखता है.

बेहतर डायजेशन

अनुलोम-विलोम से पाचन क्रिया बेहतर होती है. यह पेट की समस्याओं को दूर करने और खून की आपूर्ति को सही तरीके से शरीर के अंगों तक पहुंचाने में मदद करता है, जिससे पाचन की प्रक्रिया सरल और प्रभावी बनती है.

इम्यूनिटी का बढ़ना

रोज़ाना अनुलोम-विलोम करने से शरीर की इम्यूनिटी पावर बढ़ती है. यह शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और बीमारियों से बचाव में मदद करता है.

माइग्रेन की परेशानी में लाभ

माइग्रेन या सिरदर्द की समस्या से परेशान लोगों के लिए यह प्राणायाम बहुत फायदेमंद हो सकता है. यह सिर दर्द को कम करता है और मानसिक शांति देता है.

बेहतर कंसंनट्रेशन और शार्प मेमोरी

अनुलोम-विलोम से मस्तिष्क को शांति मिलती है, जिससे एकाग्रता बढ़ती है और याददाश्त में भी सुधार होता है. यह मानसिक कार्यक्षमता को बढ़ाता है.

बेहतर एनर्जी

इस प्राणायाम से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और पूरे दिन की थकान दूर होती है. यह मन और शरीर दोनों को ताजगी और एनर्जी देता है.

अनुलोम-विलोम करने का सही तरीका

सबसे पहले एक शांत और हवादार स्थान पर आराम से बैठ जाएं. ध्यान रखें कि आपकी रीढ़ सीधी हो.

अपने दाएं हाथ की अंगुली से दाहिने नथुने को बंद करें.

बाएं नथुने से गहरी श्वास लें और दाहिने नथुने से उसे बाहर छोड़ें.

फिर बाएं नथुने से श्वास लें और दाहिने नथुने से उसे बाहर छोड़ें.

इस प्रक्रिया को 10 से 15 मिनट तक धीरे-धीरे करें और धीरे-धीरे इसे 30 मिनट तक बढ़ा सकते हैं.

किस स्थान पर करें

अनुलोम-विलोम को किसी शांत स्थान पर करें जहां शांति हो और वहां से कोई भी व्यवधान न हो. यह प्राणायाम आपके कमरे, आंगन या पार्क में भी किया जा सकता है, लेकिन सबसे अच्छा होगा यदि आप प्राकृतिक हवा के बीच इसे करें.

कितनी देर करें

अगर आप नए हैं तो शुरुआत में 5 से 10 मिनट तक करें और धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 30 मिनट तक कर सकते हैं. यह शरीर और मानसिक सेहत के लिए सर्वोत्तम है.

क्या सावधानियां बरतनी चाहिए

खाली पेट करें

अनुलोम-विलोम को हमेशा खाली पेट करें ताकि इसका पूरा फायदा मिल सके. भोजन के बाद कम से कम 2-3 घंटे का अंतराल रखें.

सांस को रोकें नहीं

प्राणायाम करते समय अपने श्वास को रोकने की कोशिश न करें, बल्कि श्वास को स्वाभाविक रूप से लें और छोड़ें.

सही मुद्रा

इस प्राणायाम को सही मुद्रा में करना बहुत जरूरी है. हमेशा अपनी रीढ़ को सीधा रखें और पैरों को क्रॉस न करें.

अगर कोई गंभीर बीमारी है तो पहले डॉक्टर से सलाह लें

यदि आपको श्वसन संबंधी कोई समस्या या गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो तो अनुलोम-विलोम शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.

अनुलोम-विलोम प्राणायाम न केवल शरीर को ताजगी प्रदान करता है बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी बनाए रखता है. इसे नियमित रूप से करने से न केवल शारीरिक समस्याओं में सुधार होता है बल्कि मानसिक तनाव भी कम होता है. अगर आप भी अपने जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बनाना चाहते हैं तो आज से ही इस प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और इसके अद्भुत लाभों का अनुभव करें.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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