
Anandi Gopal Joshi's 153rd Birthday: बच्चे की मौत के गम ने आनंदी गोपाल जोशी को बना दिया देश की पहली महिला डॉक्टर
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आनंदीबाई जोशी देश की पहली महिला डॉक्टर
Google ने Doodle बनाकर किया याद
हाथों में डिग्री और गले में स्टेटोस्कोप पहने दिखाया

टीबी की बीमारी ने ले ली आनंदीबाई जोशी की जान
आनंदीबाई जोशी की ज़िंदगी भी उस समय की बाकि औरतों जैसी ही थी. 9 साल की उम्र में अपने से 20 साल बड़े आदमी गोपालराव से शादी, 14 साल की उम्र में पहला बच्चा, लेकिन पैदा होने के दस दिन में ही उस बच्चे की मौत ने उन्हें डॉक्टर बनने की प्रेरणा दी. क्योंकि उस समय उनके उस बच्चे को बचाने के लिए कोई डॉक्टर नही था. इसीलिए उन्होंने पेनिसिल्वेनिया जाकर वहां के मेडिकल कॉलेज (अब ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन) से डॉक्टरी में एमडी की डिग्री ली और भारत की पहली महिला डॉक्टर बनीं, लेकिन डॉक्टर बनने के बाद अगले साल यानि 1887 में टीबी की वजह से 22 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई. जानलेवा बीमारी है TB, खांसी के अलावा ये भी हैं Tuberculosis के 4 लक्षण

पढ़ाई की शर्त पर की आनंदीबाई ने शादी
मराठी उपन्यासकार श्री. ज. जोशी ने भारत की इस पहली महिला डॉक्टर के बारे में उपन्यास ‘आनंदी गोपाल’ लिखा. इसमें उन्होंने बताया कि गोपालराव से शादी करने पर आनंदी की यह शर्त थी कि वे आगे पढ़ाई करेंगी. क्योंकि आनंदी के मायके वाले भी उनकी पढ़ाई के खिलाफ थे. शादी के वक्त आनंदी को अक्षर ज्ञान भी नहीं था. लेकिन गोपालराव ने उन्हें क,ख,ग से पढ़ाया. यह उपन्यास इतना प्रसिद्ध हुआ कि इसका कई भाषाओं में अनुवाद हुआ. Stephen Hawking's Quotes: ''लाइफ बहुत दुखी होगी अगर हम फनी नहीं होंगे'', पढ़ें स्टीफन हॉकिंग के 10 कोट्स
आपको बता दें शुक्र ग्रह के एक क्रेटर का नाम आनंदीबाई के नाम पर रखा गया है.
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