Parenting Tips: नए माता-पिता के लिए बच्चे का ख्याल रखना इतना मुश्किल नहीं होता जितना उसे सुलाना होता है. बच्चे अपनी मर्जी के मालिक होते हैं, उनका जब जी चाहता है वे जाग जाते हैं और जब उन्हें नींद आती है सो जाते हैं. वे दिन और रात में फर्क नहीं करते. लेकिन, इससे पैरेंट्स की नींद खराब होती है. कई बार तो रातभर जागने के बाद बच्चा सुबह सोता है जिस वजह से आधी या बिना नींद लिए ही पैरेंट्स (Parents) को ऑफिस निकलना पड़ता है. ऐसे में अगर आप भी बच्चे के ना सोने से परेशान हैं तो यहां आपके काम के कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं. असल में अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो बच्चे को रात के समय आसानी से सुलाया जा सकता है और बच्चा इतनी चैन की नींद लेता है कि देर रात उसकी नींद खराब नहीं होती है. आप भी इन टिप्स को आजमाकर देख सकते हैं.
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बच्चे को सुलाने के टिप्स | Tips To Help Baby Sleep
बनाएं बेडटाइम रूटीन
बच्चे के लिए शांतिभरा बेडटाइम रूटीन बनाना जरूरी है. बच्चे को जहां सुलाया जा रहा है वो जगह शांत होनी चाहिए. कोशिश करें सुलाते समय कमरे में अंधेरा हो, आस-पास टीवी या मोबाइल से निकल रही आवाजें ना हों और बच्चे के आस-पास कोई गतिविधि ना चल रही हो.
सेट करें बच्चे का पालनाबच्चे को पालने में पेट के बल लेटाने से परहेज करें. बच्चे को पीठ के बल लेटाएं. जब बच्चे को सुलाया जा रहा हो तो पालने में बच्चे के खिलौने या बिना काम का सामान भरकर ना रखें. बच्चे के आस-पास उन्हीं चीजों को रखें जो उसके सोने के लिए जरूरी हों.
बच्चे देते हैं नींद के संकेतजब बच्चे को नींद आने लगती है तो बच्चा इसका संकेत (Sleeping Signs) देता है. ज्यादातर बच्चे नींद आने पर अपनी आंखों को मलने लगते हैं, उबासी लेते हैं, यहां-वहां देखने लगते हैं और चिड़चिड़ा व्यवहार करते हैं. इससे पता चलता है कि बच्चे को नींद आ रही है. ऐसे में बच्चे को तुरंत सुलाने के लिए लेटा दें.
दूध पिलाते ही ना सुलाएंकई बार बच्चे का स्लीप शेड्यूल इसलिए बिगड़ जाता है क्योंकि मां दूध पिलाते-पिलाते ही बच्चे को सुला देती है. इससे होता यह है कि बच्चे को लगने लगता है कि जब भी उसे दूध पिलाया जा रहा है तब उसे सोना ही है. इससे वो दिन में इतनी बार सो जाता है कि रात में उसे नींद नहीं आती.
लोरी सुनानाबच्चे अक्सर ही लोरी सुनते हुए सो जाते हैं. इसके लिए बच्चे को लोरी सुनाएं और उसे गोद या पालने में हिलाते हुए सुला दें. इससे बच्चे को नींद भी अच्छी आती है. कोशिश करें कि बहुत छोटे बच्चे को सुलाने के लिए आप फोन का इस्तेमाल ना करें, हालांकि सॉफ्ट म्यूजिक बजाया जा सकता है.
जरूरत पड़ने पर बदल सकते हैं रूटीनकई बार बच्चे का रूटीन उसकी नींद के हिसाब से बदला जा सकता है. अगर किसी रात बच्चा नहीं सोया है तो उसे दिनभर जबरदस्ती जगाकर रखने की कोशिश ना करें. इससे बच्चे परेशान हो जाते हैं और उनकी तबीयत पर भी असर पड़ सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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