प्रेग्नेंसी भी नौकरी छोड़ने की एक बड़ी वजह है
नई दिल्ली:
हमारे देश में 50 फीसदी कामकाजी महिलाओं को महज 30 साल की उम्र में अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए नौकरी छोड़नी पड़ती है. यह आंकड़ा एक रिपोर्ट में सामने आया है. अशोका यूनिवर्सटी के जेनपैक्ट सेंटर फॉर वूमेंस लीडरशिप (GCWL) ने बुधवार को 'प्रिडिकामेंट ऑफ रिटर्निंग मदर्स' नाम से एक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट मे बताया गया है कि मां बनने के बाद महज 27 फीसदी महिलाएं ही अपने करियर को आगे बढ़ा पाती हैं और वर्कफोर्स का हिस्सा बनी रहती हैं.यानी मां बनते ही 73 फीसदी महिलाएं जॉब करना छोड़ देती हैं.
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को मिलता है कम पैकेज
यह रिपोर्ट कामकाजी महिलाओं की चुनौतियों पर करवाई गई एक स्टडी के आधार पर तैयार की गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में सिर्फ 16 फीसदी महिलाएं ही अपने करियर में सीनियर लीडरशिप की भूमिका हासिल कर पाती हैं. रिपोर्ट में ऑफिसों महिला-पुरुष के बीच भेदभाव की बात भी सामने आई है.
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रिपोर्ट जारी करने के मौके पर यूनिवर्सिटी की जेनपैक्ट सेंटर फॉर वूमेंस लीडरशिप की निदेशक हरप्रीत कौर ने कहा, 'भारतीय वर्कफोर्स का झुकाव पुरुषों के प्रति ज्यादा होता है और महिलाओं के साथ भेदभाव होता है. हालांकि वर्कफोर्स में महिलाओं के प्रवेश के द्वारा खुले रहते हैं मगर बाहर निकलने के भी रास्ते साथ ही जुड़े होते हैं. प्रेग्नेंसी, बच्चों का जन्म, बच्चों की देखभाल, वृद्धों की देखभाल, पारिवारिक समर्थन की कमी और ऑफिस का माहौल जैसी कई बातें हैं, जो महिलाओं को बाहर के रास्ते दिखाते हैं और बड़े रोल निभाने से रोकते हैं.
रिपोर्ट में कॉरपोरेट, मीडिया और विकास क्षेत्र में काम करने वाली शहरी क्षेत्र की महिलाओं को शामिल किया गया था. इस रिसर्च को 'जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन' में पब्लिश किया गया है. इस स्टडी में पांच से 12 साल की उम्र के 3,200 बच्चों का परीक्षण किया था.
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रिपोर्ट में कॉरपोरेट, मीडिया और विकास क्षेत्र में काम करने वाली शहरी क्षेत्र की महिलाओं को शामिल किया गया था. इस रिसर्च को 'जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन' में पब्लिश किया गया है. इस स्टडी में पांच से 12 साल की उम्र के 3,200 बच्चों का परीक्षण किया था.
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