Immunity Boosters: इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है तो शरीर बारबार रोगों की चपेट में आने लगता है. खांसी, जुकाम और इंफेक्शंस होने की संभावना ज्यादा रहती है और वायरस की चपेट में आने का खतरा भी ज्यादा होता है. मजबूत इम्यून सिस्टम रोगों से लड़ता है और सेहत को दुरुस्त रखने में कारगर होता है. ऐसे में कोशिश की जाती है कि खानपान को बेहतर करके और अच्छी आदतें अपनाकर इम्यूनिटी (Immunity) को मजबूत बनाया जा सके. इसी बारे में बता रही हैं डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट विधि चावला. विधि ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से इस वीडियो को शेयर किया है जिसमें वे इम्यूनिटी बूस्ट करने के तरीके बता रही हैं.
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इम्यूनिटी बढ़ाने के 5 टिप्स | 5 Tips To Boost Immunity
पिएं इम्यूनिटी शॉट्सशरीर में पोषक तत्वों का एब्जॉर्पशन बढ़ाने के लिए सुबह के समय खाली पेट इम्यूनिटी शॉट्स बनाकर पिए जा सकते हैं. इनसे इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है. इन इम्यूनिटी शॉट्स को बाजार से खरीद सकते हैं या फिर हल्दी पानी को भी इम्यूनिटी शॉट्स की तरह पिया जा सकता है.
अगर लाइफस्टाइल सुस्त होगा और व्यक्ति किसी तरह की मूवमेंट नहीं करता होगा तो इससे शरीर बीमारियों का घर बनने लगता है. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर रहती है. वहीं, मूवमेंट से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, इंफ्लेमेशन कम होती है और इम्यून फंक्शन को मजबूती मिलती है. मूवमेंट के लिए रोजाना वॉक (Walk) कर सकते हैं, एक्सरसाइज की जा सकती है या फिर योगा करना भी फायदेमंद रहेगा.
एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फूड्स खाने पर इम्यूनिटी को मजबूत बनने में मदद मिलती है. एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फूड्स सेल्स को डैमेज से बचाते हैं, इनसे इंफ्लेमेशन कम होती है और इम्यून हेल्थ अच्छी रहती है. बेरीज और बीज एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं और इसीलिए डाइट का हिस्सा बनाए जा सकते हैं.
एबीसी सीजनल जूस विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है. इस जूस को पीने पर इम्यूनिटी तो बेहतर होती ही है साथ ही शरीर के ब्लड फ्लो को बेहतर होने में भी मदद मिलती है. ऐसे में रोजाना जूस का सेवन करना बेहद फायदेमंद है.
बॉक्स ब्रीदिंगबॉक्स ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने पर तनाव कम होता है और नर्वस सिस्टम के साथ-साथ इम्यून सिस्टम (Immune System) को मजबूत और बैलेंस्ड बने रहने में मदद मिलती है. बॉक्स ब्रीदिंग डीप ब्रीदिंग तकनीक है. इसमें गहरी सांस लेकर होल्ड की जाती है और फिर 4 सैकंड बाद सांस छोड़ दी जाती है. इस एक्सरसाइज को करने के लिए पीठ को सीधा करके बैठा जाता है और आंखें बंद रखी जाती हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.