रेलवे ग्रुप डी (RRB Group D) परीक्षा में कई उम्मीदवारों को 100 से ज्यादा नंबर मिले हैं. रेलवे (Railway) ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि सामान्यीकरण (Normalization) पर उम्मीदवार के प्राप्तांक परीक्षा पत्र के कुल अंकों से अधिक हो सकते हैं. सामान्यीकरण प्रणाली का परिपालन लगभग 19 वर्षों से यानी वर्ष 2000 से किया जा रहा है. बता दें कि ग्रुप डी रिजल्ट (RRB Group D Result 2019) को लेकर उम्मीदवारों में नाराजगी है. उम्मीदवारों ने दोबारा रिजल्ट (RRB Result 2019) जारी करने की मांग की है. बता दें कि रेलवे (Railway) का कहना है कि उम्मीदवारों की संक्षिप्त सूची पूरी तरह उम्मीदवार की मेरिट के आधार पर और समय की कसौटी पर खरी साबित सामान्यीकरण प्रणाली के आधार पर तैयार की गई.
उम्मीदवार (XN) के लिए सामान्यीकृत अंक
XN=(S2/S1)*(X-XAV)+YAV, जहां
S2 | उच्चतम औसत अंक के साथ शिफ्ट का मानक अंतर (एसटी) सामान्यीकरण के लिए आधार माना गया है |
S1 | सामान्यीकरण किए जाने वाले शिफ्ट के लिए मानक अंतर (बढ़ाकर एस2 किया जाएगा) |
X | उम्मीदवार का असम्पूर्ण अंक (रॉ स्कोर) |
XAV | शिफ्ट का साधारण औसत |
YAV | उच्चतम औसत के साथ शिफ्ट से संबंधित औसत (सामान्यीकरण के लिए आधार रूप में लिया गया) |
क्या होता है ‘नॉर्मलाइजेशन' पद्धति में
हर शिफ्ट में अलग अलग सेट का पेपर होता है, कोई पेपर आसान तो कोई मुश्किल हो सकता है. जिन उम्मीदवारों का पेपर कठिन होता है उनके नंबर बढ़ा दिए जाते हैं और जिनका आसान होता है उनके नंबर काट लिए जाते हैं.
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