CAPF भर्ती परीक्षा का सिविल सर्विस एग्जाम में किया जा सकता है विलय

सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी आते हैं. संगठित सेवा टैग किसी बल को अपने भर्ती नियम बनाने और पदोन्नति, वेतन, कमान और अपने अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के लिए बेहतर अवसर देता है.

CAPF भर्ती परीक्षा का सिविल सर्विस एग्जाम में किया जा सकता है विलय

CAPF भर्ती परीक्षा का सिविल सर्विस एग्जाम में विलय हो सकता है.

खास बातें

  • CAPF भर्ती परीक्षा की योजना को बदला जा सकता है.
  • इसका विलय सिविल सर्विस परीक्षा में किया जा सकता है.
  • सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी आते हैं.
नई दिल्‍ली:

केंद्र सरकार अर्द्धसैनिक बलों में प्रवेश स्तर पर अधिकारियों की भर्ती के लिए यूपीएससी द्वारा ली जाने वाली परीक्षा की योजना को बदलने और ‍इसका सिविल सेवा परीक्षा में विलय करने पर विचार कर रही है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा ली जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित अन्य अखिल भारतीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है. इस घटनाक्रम से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को संगठित समूह ए सेवा (ओजीएएस) की श्रेणी प्रदान करने की पृष्ठभूमि में इस बाबत एक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है.

सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी आते हैं. संगठित सेवा टैग किसी बल को अपने भर्ती नियम बनाने और पदोन्नति, वेतन, कमान और अपने अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के लिए बेहतर अवसर देता है. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सहायक कमांडेंट) परीक्षा की योजना और पाठ्यक्रम को बदलने के लिए विचार-विमर्श जरूरी है. यह परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा 2003 से ली जा रही है. इन परीक्षाओं के ज़रिए भर्ती किए जाने वाले अधिकारी देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा की सुरक्षा में तैनात बलों का नेतृत्व करते हैं.

आधिकारिक दस्तावेज़ों के मुताबिक, पाठ्यक्रम की “तब से समीक्षा नहीं की गई है. यूपीएससी ने 2017 में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर नई योजना और परीक्षा के पैटर्न को अंतिम रूप देने के लिए टिप्पणी देने का अनुरोध किया था. अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर इन बलों के अधिकारियों को ओजीएएस का टैग दे दिया था. अब यह विचार किया जा रहा है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) जैसी सभी सेवाओं के बीच बेहतर तालमेल के लिए इस परीक्षा को लोक सेवा परीक्षा में मिलाया जा सकता है.

उन्होंने बताया कि सिफारिशों पर विचार किया जा रहा है और अंतिम फैसला अभी लिया जाना है. अधिकारियों ने बताया कि इस मामले पर गृह मंत्रालय और सीएपीएफ के वरिष्ठ अफसरों की एक समिति ने आंतरिक सुरक्षा के सामने चुनौतियां, नैतिकता और मूल्यों जैसे नए विषयों को शामिल करने का भी सुझाव दिया है. वार्षिक सीएपीएफ (एसी) परीक्षा में तीन स्तरीय मूल्यांकन होता है - लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता जांच और साक्षात्कार होता है.
 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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