विवेकानंद रेड्डी मर्डर: सुप्रीम कोर्ट ने वाई एस अविनाश रेड्डी को लेकर तेलंगाना HC का फैसला किया रद्द

शीर्ष अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट को ऐसा आदेश देने की कोई जरूरत नहीं थी. सीजेआई ने कहा कि हाईकोर्ट का ये आदेश अनुचित है.

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नई दिल्ली:

आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या (YSR Vivekananda Reddy Murder Case) के मामले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सदस्य वाई एस अविनाश रेड्डी (YSRCP MP Avinash Reddy) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने अविनाश रेड्डी 25 अप्रैल तक गिरफ्तारी से सुरक्षा देने के तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है. तेलंगाना हाईकोर्ट ने 18 अप्रैल को ये आदेश दिया था. 

सीबीआई से प्रिंटिंग फॉर्म में आरोपी को सवाल देने और पूछताछ रिकॉर्ड करने का आदेश भी रद्द कर दिया गया है. शीर्ष अदालत ने अविनाश रेड्डी को गिरफ्तारी से संरक्षण देने से भी इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच का समय 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून कर दिया है. 

हाईकोर्ट ने क्षेत्राधिकार को गलत तरीके से किया लागू- CJI
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने क्षेत्राधिकार को गलत तरीके से लागू किया. हाईकोर्ट ने ये असाधारण आदेश पारित किया था. इस प्रकृति का एक आदेश जांच को समाप्त कर देगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट को ऐसा आदेश देने की कोई जरूरत नहीं थी. सीजेआई ने कहा कि हाईकोर्ट का ये आदेश अनुचित है. इस तरह के आदेश विशेष रूप से  जांच के पाठ्यक्रम को प्रभावित करने की अनुमति देते हैं. खासकर तब जब सीबीआई को अभियुक्तों की भूमिका का पता लगाना होता है.

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सुप्रीम कोर्ट ने पहले हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई थी रोक
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने  'अत्याचारी' बताते हुए सांसद अविनाश रेड्डी से पूछताछ से सीबीआई पर प्रतिबंध लगाने वाले तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के एक मामले में कडप्पा से YSRP सांसद अविनाश रेड्डी से पूछताछ करने के लिए CBI पर प्रतिबंध लगाने वाले तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा पारित निर्देशों पर आपत्ति जताई थी. 

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'यह अत्याचारी आदेश है'
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस निर्देश पर रोक लगा दी कि सीबीआई द्वारा उनसे पूछे गए प्रश्न प्रिटिंग रूप में हों और पहले से प्रसारित हों. साथ ही पूछताछ को रिकॉर्ड किया जाए. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने टिप्पणी की थी कि हाईकोर्ट द्वारा यह किस प्रकार का आदेश है? शीर्ष अदालत ने कहा था- 'यह अत्याचारी आदेश है. ये अस्वीकार्य है.' विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड की जांच के संबंध में अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये निर्देश दिए थे

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जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई हैं अविनाश रेड्डी
बता दें कि अविनाश रेड्डी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई हैं. मृतक की बेटी सुनीता ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में मामले में अविनाश रेड्डी से जवाब मांगा और हाईकोर्ट के समक्ष मामले में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी.

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याचिकाकर्ता ने दी ये दलीलें
शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता ने कहा था कि चुनौती के तहत दिए गए आदेश ने जांच को प्रभावी ढंग से पटरी से उतार दिया था. इस जांच को शीर्ष अदालत के पहले के आदेशों के अनुसार इस साल 30 अप्रैल तक पूरा किया जाना है. सांसद ने जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया था.

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करते हैं. हम स्पष्ट करते हैं कि इस क्रम में अवलोकन आड़े नहीं आएंगे.

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