दिल्ली के जंतर-मंतर पर जारी पहलवानों के प्रदर्शन के बीच दिल्ली पुलिस ने नाबालिग महिला पहलवान का बयान कोर्ट में दर्ज कराया. दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कोर्ट में सीआरपीसी 164 के तहत बयान दर्ज हुआ है. वहीं, अदालत ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले पर बुधवार को दिल्ली पुलिस से स्थिति रिपोर्ट मांगी.
न्यायाधीश ने प्रदर्शनकारी पहलवानों की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया. अदालत ने पुलिस को 12 मई तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा, जब वह मामले में आगे सुनवाई करेगी. महिला पहलवानों ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था और 28 अप्रैल को इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी थीं.
सिंह के खिलाफ एक प्राथमिकी एक अवयस्क लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोप में, यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत दर्ज की गई है. दूसरी प्राथमिकी शिकायतकर्ताओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में दर्ज की गई है. भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर देश के कुछ नामचीन पहलवान 23 अप्रैल से यहां जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं. इनमें बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट शामिल हैं.
बृजभूषण का नार्को परीक्षण कराने की मांग
यौन उत्पीड़न के आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह द्वारा निर्दोष होने का दावा किये जाने के बाद प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय की निगरानी में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष का झूठ पकड़ने वाला नार्को परीक्षण कराने की मांग की. रियो ओलंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "जो लोग डब्ल्यूएफआई प्रमुख के पक्ष में बोल रहे हें और कह रहे हैं कि हम झूठ बोल रहे हैं, मैं कहती हूं कि बृजभूषण को उच्चतम न्यायालय की निगरानी में नार्को परीक्षण से गुजरना चाहिए... और सात महिला पहलवानों (जिन्होंने कथित यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए) को भी."
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