जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार को सलवा जुडूम आंदोलनकारी, सहायक आरक्षक एवं अन्य नक्सल पीड़ित महिलाओं ने नक्सलियों के खिलाफ जंगी रैली निकाली और उन्हें बस्तर छोड़कर भाग जाने की चेतावनी दी। प्रदर्शनकारी महिलाएं हाथ में बैनर व तख्तियां थामे हुई थीं और बड़े ही जोश-खरोश से नक्सल विरोधी नारे लगा रही थीं।
रैली में शामिल महिलाओं के बैनर और पोस्टर में लिखा हुआ था- नक्सलियों के शहीदी सप्ताह का विरोध करो, माओवादी विकास विरोधी हैं, देशद्रोही हैं, शहीद नहीं, आदिवासी जनता के हत्यारे हैं।
बस्तर संभाग में नक्सलियों के खिलाफ ग्रामीणों में नफरत व आक्रोश की चिंगारी भड़कने लगी है और उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
बस्तर के सुकमा जिले में नक्सलियों के खिलाफ फूटी चिंगारी ने यह साफ संदेश दिया है कि बुनियादी सुविधाओं के मोहताज ग्रामीणों में भी विकास की ललक जागृत होने लगी है और वह भी प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह अपने इलाके को विकसित देखने को आतुर है।
दरअसल, लंबे अरसे से नक्सली आतंक की वजह से बस्तर के गांवों में बुनियादी सुविधाएं मसलन शिक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य, सड़क, संचार नहीं पहुंच पा रही हैं और इनके अभाव में वह न तो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पा रहे हैं और न ही शुद्ध पानी पी पा रहे हैं। इतना ही नहीं, इलाज के अभाव में प्रतिवर्ष हजारों आदिवासी ग्रामीण असमय ही काल के गाल में समा जाते हैं।