"कठोर IT नियम वापस लिए जाएं": एडिटर्स गिल्ड ने केंद्र से कहा- यह सेंसरशिप के समान

आईटी नियमों में संशोधन यह सुनिश्चित करते हैं कि मीडिया सरकार के बारे में नकली, झूठी या भ्रामक जानकारी न तो प्रकाशित या साझा करे, न ही होस्ट करे

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर फर्जी सूचनाओं की पहचान करने के लिए भारत में फैक्ट-चेकिंग यूनिट नियुक्त होगी.
मुंबई:

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया  ने आज कहा कि वह एक सेल्फ-अपाइंटेड फैक्ट-चेकिंग यूनिट के जरिए सोशल मीडिया पर कानून लादने के लिए सरकार के कदमों से बहुत परेशान है. उसने नए नियमों को कठोर और सेंसरशिप के समान बताया. आईटी नियमों में संशोधन से मीडिया प्लेटफॉर्मों पर बंदिशें लगाई गई हैं. नियमों के तहत यह जरूरी है कि वे सरकार के बारे में "नकली, झूठी या भ्रामक जानकारी को न तो प्रकाशित या साझा करें, न ही होस्ट करें." समाचार एजेंसी रॉयटर ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ बार-बार विवाद हो रहे हैं. ऐसा तब-तब हुआ जब-जब सोशल मीडिया प्लेटफार्म कथित रूप से गलत सूचना फैलाने वाली कुछ सामग्री या खातों को हटाने के बारे में कहने पर भी ध्यान देने में विफल रहे.

सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि वह फर्जी, झूठी या भ्रामक सूचनाओं की पहचान करने के लिए तथ्यों की जांच इकाई नियुक्त करेगी. लेकिन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इस इकाई के संचालन तंत्र, फर्जी खबरों का निर्धारण करने में इसकी व्यापक शक्तियों और ऐसे मामलों में अपील करने के अधिकार पर सवाल उठाया है.

एडिटर्स गिल्ड ने एक बयान में कहा, "यह सब प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है और सेंसरशिप के समान है."

संस्था ने कहा है कि, "मंत्रालय की इस तरह के कठोर नियमों वाली अधिसूचना खेदजनक है. गिल्ड फिर से मंत्रालय से इस अधिसूचना को वापस लेने और मीडिया संगठनों और प्रेस निकायों के साथ परामर्श करने का आग्रह करता है."

Advertisement

आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन चिंताओं को खारिज कर दिया कि संशोधन से सेंसरशिप को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने आश्वासन दिया कि तथ्यों की जांच विश्वसनीय तरीके से की जाएगी.

डिजिटल अधिकार संगठन इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (IFF) ने कहा कि संशोधन में "नकली", "झूठा" और "भ्रामक" जैसे अपरिभाषित शब्द इन्हें इनका अधिकारियों द्वारा दुरुपयोग किए जाने के लिए अतिसंवेदनशील बनाते हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें -

-- सरकार ने बदला गैस की कीमत तय करने का फॉर्मूला, जानें- CNG और PNG कितनी हो सकती हैं सस्ती?
-- "यह व्यक्तिगत नहीं" : भाजपा में शामिल होने के लिए पिता के आलोचना करने पर NDTV से बोले अनिल एंटनी

Featured Video Of The Day
Maharashtra में विभागों का बंटवारा, गृह मंत्रालय CM Fadnavis के पास, Shinde को तीन मिनिस्ट्री
Topics mentioned in this article