समाज में हिंसा और संवेदनहीनता की घटनाएं आए दिन देखने को मिल रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में कई ऐसी घटनाओं ने लोगों को झकझोर कर रख दिया. इस गंभीर मुद्दे पर एनडीटीवी ने समाज मनोविज्ञानी रामाधार सिंह से बात की है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं के पीछे 2 तरह के कारण हैं. पहला प्यार का मामला है. दूसरा व्यक्तित्व के काले रूप का है. इन दोनों ही कारणों पर मनोवैज्ञानिकों ने काम किया है.
व्यक्तित्व के काले रूप चार तरह के लोग होते हैं जिसमें नार्सिसिस्ट जो अपने को बहुत प्यार करते हैं. ऐसे ही दूसरे रूप में लोग तरह-तरह के चालाकी करते रहते हैं. तीसरे उस तरह के होते हैं जो हमारे बीच ही रहते हैं लेकिन समाज के लोग उन्हें समझ नहीं पाते हैं. चौथे होते हैं Everyday sadists.
रामाधार सिंह ने कहा कि दिल्ली में हुई घटना में मुझे दोनों तरह की बातें देखने को मिल रही है. पहला प्यार का मामला है और दूसरा Everyday sadists वाला एंगल हो सकता है जिसमें लोगों को किसी को कष्ट पहुंचाना अच्छा लगता है. ऐसे मामले अमेरिका में भी हुए थे.
भारत में यह नए रूप में देखने को मिल रहा है. ऐसे मामलों में अगर प्यार नहीं मिल रहा है तो शख्स को इस बात की खुशी होती है कि मैंने उसे खत्म कर दिया. ये बड़े ही प्लान्ड ढ़ंग से होता है. इस घटना में ही आप देखिए कि उसने मर्डर किया, फ्रीज खरीदा. स्टोर किया. जहां तक बात समाज की है तो समाज में हम इस मामले में असफल हैं कि हम हिंसक फिल्मों पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं.
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