ओडिशा में सरप्राइज देगी BJP? कौन हैं वे 3 जिनका CM के लिए चल रहा नाम

बीजेपी ओडिशा में विजयी तो हो गई, अब बारी है सीएम बनाने की. बीजेपी ने पहले ही  कहा था कि नया सीएम ओडिशा की मिट्टी का ही बेटा होगा. इसके बाद यही चर्चा हो रही है कि किसे ओडिशा की कमान दी (Who Will Be Odisha CM) जाएगी. हालांकि कुछ नामों की चर्चा तेज है.

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कौन बनेगा ओडिशा का मख्यमंत्री.
नई दिल्ली:

कौन बनेगा ओडिशा का सीएम? अब इस बात की चर्चा जोरों पर है. विधानसभा चुनाव (Odisha Assembly Election) तो खत्म हो गए और बीजेपी ने नवीन पटनायक को हराकर शानदार जीत भी हासिल कर ली. अब बारी है मुख्यमंत्री पर विचार करने की. हर किसी के मन में एक ही सवाल है कि ओडिशा का नया मुख्यमंत्री कौन होगा (Odisha New CM) . बीजेपी किसके सिर पर ओडिशा का ताज सजाएगी. वैसे तो बीजेपी अक्सर ही सीएम के मामले में चौंकाती रही है. लेकिन फिलहाल कुछ ऐसे नाम हैं, जो सीएम पद की रेस में आगे चल रहे हैं. धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan), मनमोहन सामल और लक्ष्णन बाग, ये वो नाम हैं, जो ओडिशा के सीएम की रेस में सबसे आगे हैं. राज्य में 10 जून को विधायक दल की बैठक हो सकती है, जिसमें नए सीएम का नाम तय किया जा सकता है. 

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ओडिशा की 147 सदस्यो वाली विधानसभा में बीजेपी ने 78 सीटें जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. बीजेपी ने नवीन पटनायक सरकार के 24 साल के शासन को एक झटके में खत्म कर दिया. बीजू जनता दल ने 51 सीटों पर जीत दर्ज की है. हालांकि नवीन पटनायक का कहना है कि उनको किसी भी चीज का पछतावा नहीं है. बीजेपी ओडिशा में विजयी तो हो गई, अब बारी है सीएम बनाने की. बीजेपी ने पहले ही  कहा था कि नया सीएम ओडिशा की मिट्टी का ही बेटा होगा. इसके बाद यही चर्चा हो रही है कि किसे ओडिशा की कमान दी जाएगी. धर्मेंद्र प्रधान, लक्ष्मण बाग या मनमोहन सामल, इन तीन नामों की चर्चाओं का बाजार गर्म है.

CM की रेस में पहला नाम- धर्मेंद्र प्रधान

धर्मेंद्र प्रधान केंद्रीय शिक्षा मंत्री हैं और वह ओडिशा के संबलपुर से सांसद भी हैं. ओडिशा अस्मिता अभियान की अगुवाई उन्होंने ही की थी. वह 10 सालों तक केंद्र में मंत्री रहे हैं. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में उन्होंने पेट्रोलियम मंत्रालय संभाला था. उन्होंने अपना राजनीतिक सफर साल 2000 में विधायक के तौर पर शुरू किया था. 2004 में वह ओडिशा के देवगढ़ से सांसद बने. हालांकि 2009 में वह पल्लाहारा से विधानसभा चुनाव हार गए. उसके बाद बिहार और मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद बने. बिहार, ओडिशा, झारखंड, उत्तराखंड और कर्नाटक में चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. ओडिशा की मिट्टी के इस लाल का नाम सीएम पद की रेस में आगे चल रहा है.

CM की रेस में दूसरा नाम- लक्ष्मण बाग

लक्ष्मण बाग वह नेता हैं, जिन्होंने ओडिशा के पांच बार के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को ही हरा दिया. उन्होंने बोलांगीर जिले की कांटाबांजी विधानसभा सीट पर जीकक हासिल की है. पटनायक को हराने के बाद लक्ष्मण बाग रातोंरात पड़ा नाम बन गए हैं. लक्ष्मण बाग ओडिशा के एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने तिहाड़ी मजदूरी और ट्रक पर खलासी के तौर पर काम कर अपना जीवन बिताया. बाद में उन्होंने अपना ट्रांसपोर्ट का बिजनेस शुरू किया. फिर उन्होंने राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने का सोचा. साल 2014 के चुनाव में वह तीसरे नंबर पर थे. 2019 में वह कांग्रेस उम्मीदवार से महज 128 वोटों के अंतर से हार गए. लेकिन 2024 के चुनाव में उन्होंने नया कीर्तिमान रच दिया. उन्होंने मजदूरों के पलायन को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया. अब वह सीएम पद की रेस में हैं.

CM की रेस में तीसरा नाम- मनमोहन सामल

मनमोहन सामल ओडिशा के भद्रक जिले से ताल्लुक रखते हैं. वह वकालत में ग्रैजुएट हैं. उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति की शुरुआत की थी. 1979 में पढ़ाई के दौरान वह कॉलेज के अध्यक्ष चुने गए. बाद में वह एबीवीपी में शामिल हो गए. फिर उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली. वह दो बार बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 2004 में वह भद्रक जिले से धामनगर से विधायक चुने गए थे.

बीजेपी-बीजेडी गठबंधन में चुनाव जीतकर वह नवीन पटनायक सरकार में मंत्री बने. वह राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. उन्होंने ओडिशा में बीजेपी के पार्टी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली और उस पर खरे भी उतरे. अब उनका नाम सीएम पद की रेस में आगे है.

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