Bank fraud case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 22842 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में ऋषि अग्रवाल समेत ABG शिपयार्ड (ABG Shipyard) के अन्य निदेशकों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. जांच एजेंसी ने कहा है कि मामले से जुड़े सभी आरोपी भारत मे हैं और उनके खिलाफ एलओसी खोल दी गयी है ताकि वे देश छोड़कर न जाने पाएं. सभी आरोपियों के खिलाफ जांच एजेंसी ने आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी सहित विभिन्न मामले में केस दर्ज किए है. आखिर कौन ही ऋषि अग्रवाल (Rishi agarwal). ऋषि सूरत का रहने वाला है. कांग्रेस का तो यह भी आरोप है कि वह नरेंद्र मोदी का करीबी है.
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रिपोर्ट्स के अनुसार, ऋषि कमलेश अग्रवाल का संबंध उद्योपगति घराना रुईया बंधु से है.कांग्रेस का यह भी कहना है कि वर्ष 2007 में जब एबीजी शिपयार्ड को गुजरात सरकार की ओर से एक लाख 21 हजार वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई थी, उस समय नरेंद्र मोदी राज्य के सीएम थे. कांग्रेस पार्टी के अनुसार, वर्ष 2013 में जब मोदी कोरिया के दौरे पर गए थे तो उनके साथ प्रतिनिधिमंडल में ऋषि भी था. यहां तक कि वाइब्रेंट गुजरात में भी ऋषि ने बड़े निवेश का वादा किया था. विभिन्न रिपोर्टों से मिली जानकारी के अनुसार, ऋषि ने सिंगापुर की नागरिकता भी हासिल है, ऐसे में कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि वह देश में ही है या देश से 'उड़नछू' हो चुका है. वैसे सीबीआई का मानना है कि ऋषि भारत में ही है और इसी के चलते उसकी ओर से लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है.
बता दें कि एबीजी शिपयार्ड, ABG ग्रुप की अग्रणी कंपनी है जो शिप निर्माण और मरम्मत के कार्य से जुड़ी हुई है. गुजरात की कंपनी एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और एबीजी इंटरनेशनल लिमिटेड को 28 बैंकों के कंसोर्टियम ने कर्ज़ दिया था, एसबीआई बैंक के अफसरों की मानें तो कंपनी के ख़राब प्रदर्शन की वजह से नवंबर 2013 में उसका खाता एनपीए बन गया. कंपनी को उबारने की कई कोशिश हुई हैं लेकिन कामयाबी नहीं मिली. इसके बाद कंपनी का फ़ॉरेंसिक ऑडिट कराया गया जिसकी रिपोर्ट 2019 में आई. इस कंसोर्टियम की अगुवाई आईसीआईसीआई बैंक कर रहा था, लेकिन सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक होने के नाते एसबीआई ने ही सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई. बैंकों को 22842 करोड़ का नुकसान हुआ जिसमें सबसे ज्यादा 7,089 करोड़ का नुकसान आईसीआईसी बैंक को हुआ था.