राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) प्रवर्तन निदेशायल के रडार पर हैं. ईडी अधिकारियों ने उनको पूछताछ के लिए आज दिल्ली तलब किया.राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वैभव गहलोत पर ईडी का यह एक्शन अहम माना जा रहा है. सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत पर मनी लॉन्ड्रिंग और फंड को विदेश भेजने का आरोप है. आपको बताते हैं कि आखिर वैभव गहलोत पर क्या है पूरा मामला और क्यों उनको ईडी दफ्तर में तलब किया गया.
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वैभव गहलोत पर क्या है मामला?
वैभव गहलोत को ईडी ने FEMA के उल्लंघन और मनी लॉन्ड्रिंग का मामले में तलब किया है. वैभव पर शेल कंपनियों के जरिए फंड मॉरीशस भेजने का आरोप है. बीजेपी सांसद किरोड़ीमल मीणा ने इस मामले में ईडी में शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसके बाद ईडी की टीम ने इसी साल 29 अगस्त से 31 सितंबर तक जयपुर ,उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में रेड मारी थी.ये छापेमारी FEMA एक्ट के तहत की गई थी. कुछ महीने पहले ही ईडी की टीम ने ट्राइटन होटल्स नाम की मुंबई की एक फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रेड मारी थी. ईडी की टीम ने उस दौरान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में कई जगहों पर 29 से 31 अगस्त तक तलाशी भी ली थी. रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक रतन कांत शर्मा हैं, जो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर भी हैं.
FEMA के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप
ईडी ने पिछले महीने एक बयान जारी कर कहा था, "ईडी ने विश्वसनीय जानकारी के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्रा. लिमिटेड के शेयर मॉरीशस की एक कंपनी शिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड ने ज्यादा प्रीमियम देकर खरीदे, जिसे फेमा प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए कई बार संशोधित किया गया. ये भी पता चला कि ट्राइटन समूह विदेश से हवाला लेनदेन में शामिल रहा है. छापेमारी में करीब 1.27 करोड़ रुपये बरामद किए गए और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से पता चला है कि समूह के लेनदेन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है और बेहिसाब मिले कैश को होटलों को बनाने में निवेश किया गया है.
ED के आरोप 12 साल पुराने मामले पर-वैभव गहलोत
रतन कांत शर्मा पर अब बंद हो चुकी कार रेंटल कंपनी सन लाइट कार रेंटल में वैभव गहलोत का बिजनेस पार्टनर होने का आरोप है. वहीं वैभव गहलोत ने ईडी के दावों का खंडन किया है.उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि 12 साल पुराना आरोप है. इससे पहले बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया था कि जयपुर के एक होटल का स्वामित्व ट्राइटन होटल्स के पास है.
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