- सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने पूर्व सीजेआई को सीजेआई का आधिकारिक आवास खाली कराने के लिए केंद्र को पत्र भेजा है.
- पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ निर्धारित समय से अधिक समय से उस आवास में रह रहे हैं.
- सीजेआई को रिटायरमेंट के बाद विभिन्न सुविधाएं मिलती हैं, जिसमें सुरक्षा गार्ड और पेंशन शामिल है.
- सीजेआई को रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन के रूप में 70 हजार रुपये मिलते हैं.
सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने नई दिल्ली के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के आधिकारिक आवास को खाली कराने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है. इस आवास में पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ निर्धारित समय से अधिक समय से रह रहे हैं.इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सुविधाओं को लेकर बहस तेज हो गई है. आइए जानते हैं कि रिटायरमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को कौन कौन सी सुविधाएं मिलती हैं.
सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद सीजेआई को मिलती हैं ये सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.
- अगले पांच साल तक के लिए प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड मिलता है
- पूर्व सीजेआई के घर के बाहर एक साल तक 24 घंटे सुरक्षा तैनात रहती है
- रिटायर्ड सीजेआई को रेंट फ्री टाइप-7 आवास दिल्ली में 06 महीने के लिए उपलब्ध होता है
- रिटायर सीजेआई को पेंशन के तौर पर हर महीने 70 हजार रुपये मिलते हैं
- रिटायरमेंट के दिन से उन्हें जीवनभर के लिए नौकर और ड्राइवर दिया जाता है
- रिटायरमेंट के दिन से एक साल तक सचिवालय संबंधी सहायता दी जाती है.
- रिटायर सीजेआई के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के दूसरे रिटायर्ड जजों को भी हवाई अड्डों पर औपचारिक लाउंज में अभिवादन प्रोटोकॉल दिया जाता है
पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ के आवास पर क्यों है विवाद
सूत्रों ने बताया कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को एक जुलाई को भेजे गए पत्र में शीर्ष अदालत प्रशासन ने कहा कि नई दिल्ली में सीजेआई के लिए नई दिल्ली के कृष्ण मेनन मार्ग पर बंगला नंबर 5 आबंटित है. जस्टिस चंद्रचूड़, नवंबर 2022 और नवंबर 2024 के बीच 50वें सीजेआई रहे. जस्टिस (रिटायर्ड) चंद्रचूड़ पद छोड़ने के करीब आठ महीने बाद भी सीजेआई के आधिकारिक आवास में रह रहे हैं.
जस्टिस (रिटायर्ड) चंद्रचूड़ ने पिछले साल 18 दिसंबर को तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना को पत्र लिखकर 30 अप्रैल 2025 तक पांच-कृष्ण मेनन मार्ग स्थित आवास में रहने की अनुमति मांगी थी. उन्होंने कहा था कि हालांकि उन्हें 2022 के नियमों के मुताबिक तुगलक रोड पर बंगला नंबर 14 आवंटित किया गया है, लेकिन नए आवास पर रिनोवेशन का काम चल रहा है. तत्कालीन सीजेआई खन्ना ने इसे अपनी मंजूरी दे दी थी. इस पर आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने जस्टिस चंद्रचूड़ को टाइप 8 बंगले को 11 दिसंबर 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक पांच हजार रुपये प्रतिमाह के किराए पर अपने पास रखने को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद जस्टिस (रिटायर्ड) चंद्रचूड़ ने तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश खन्ना से 31 मई 2025 तक उसी आवास में रहने का मौखिक अनुरोध किया था. इस पर उन्हें इस शर्त के साथ मंजूरी दी गई कि आगे कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा. यह अवधि भी बहुत पहले खत्म हो चुकी है. लेकिन जस्टिस (रिटायर्ड) चंद्रचूड़ ने आवास अभी तक खाली नहीं किया है.
सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश (संशोधन) नियम, 2022 के नियम 3 बी के तहत, भारत के सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश सेवानिवृत्ति के बाद अधिकतम छह महीने की अवधि के लिए टाइप 7 बंगला अपने पास रख सकते हैं.
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