बिहार वोटर लिस्ट सत्यापन पर सिब्बल और सिंघवी की दलीलें, जानें सुप्रीम कोर्ट में आज क्या हुआ

बिहार में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है. अब इस मामले में गुरुवार को सुनवाई होगी.

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  • सुप्रीम कोर्ट का बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार
  • गुरुवार को इस मामले में सुनवाई होगी, जिससे सभी की निगाहें टिकी हैं
  • वरिष्ठ वकीलों ने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए तत्काल सुनवाई की मांग की
  • कपिल सिब्बल ने कहा कि लाखों मतदाताओं, खासकर गरीबों और महिलाओं के अधिकारों पर खतरा
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पटना:

बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है. अब इस मामले में गुरुवार को सुनवाई होगी. वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, शादाब फरासत और गोपाल शंकरनारायणन ने सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई की मांग की. उनका कहना था कि चुनाव आयोग के फैसले से लाखों मतदाताओं, खासकर महिलाओं और गरीब लोगों के अधिकारों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है.

कपिल सिब्बल की क्या दलील

सिब्बल ने कोर्ट में जोर देकर कहा, "यह लाखों मतदाताओं का सवाल है. अगर इस कार्रवाई पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई, तो इसका असर सबसे ज्यादा कमजोर वर्गों पर पड़ेगा." साथ ही वकीलों ने ये भी मांग की कि इस मामले की सुनवाई आज या कल ही हो, क्योंकि चुनाव आयोग ने सिर्फ एक महीने की समयसीमा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के लिए सहमति जताई, लेकिन फिलहाल अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया.

  • सुप्रीम कोर्ट में बिहार मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण मामला
  • चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 10 जुलाई को होगी सुनवाई
  • कोर्ट में सिब्बल, सिंघवी और अन्य वकीलों ने की जल्द सुनवाई की मांग
  • फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम रोक से इनकार
  • याचिकाओं की कॉपी चुनाव आयोग और अन्य पक्षकारों को सौंपने का निर्देश

कोर्ट का याचिकाकर्ताओं को ये निर्देश

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे अपनी याचिकाओं की कॉपी चुनाव आयोग और अन्य पक्षकारों को सौंपें. सिंघवी ने कोर्ट से आग्रह किया कि चुनाव आयोग के फैसले पर तत्काल अंतरिम रोक लगाई जाए, लेकिन कोर्ट ने इस पर कोई तुरंत फैसला नहीं लिया। अब गुरुवार को होने वाली सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकी हैं, क्योंकि यह मामला न केवल बिहार के मतदाताओं, बल्कि लोकतंत्र के मूल अधिकारों से जुड़ा है. फिलहाल SIR के खिलाफ चार याचिकाएं दाखिल हुई हैं. राजद सांसद मनोज झा, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, PUCL,  योगेंद्र यादव और लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा शामिल हैं. 

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विशेष गहन पुनरीक्षण का प्रारंभिक चरण पूरा

बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान तेजी से चल रहा है. इसका प्रारंभिक चरण पूरा हो गया है. इस दौरान, गणना प्रपत्र मुद्रित और वितरित किए जाने का काम लगभग पूरा हो गया है. चुनाव आयोग की विज्ञप्ति के मुताबिक कुछ लोगों द्वारा अफवाह फैलाए जाने के बावजूद एसआईआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. कुल 1.69 करोड़ (21.46 प्रतिशत) गणना प्रपत्र एकत्र किए गए, वहीं 7.25 प्रतिशत चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किए गए.

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पुनरीक्षण के लिए सिर्फ 1 दस्तावेज की जरूरत, हेल्पलाइन नंबर जारी

बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है. इसे लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने 11 दस्तावेजों की लिस्ट जारी की है, जिनमें से कोई एक दस्तावेज बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) को प्रपत्र के साथ देना है। प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने जानकारी दी है. विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर बिहार पीआईबी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर मतदाताओं को जागरूक किया. उन्होंने कहा कि वोट करना है तो फॉर्म भरना है। बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 में अब सिर्फ 11 दस्तावेजों में से कोई भी 1 संलग्न करें. गणना प्रपत्र भरकर मतदाता सूची में शामिल हों. क्यूआर कोड स्कैन करें और फॉर्म ऑनलाइन भरें.

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