केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) द्वारा की गई भर्तियों में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को छह लोगों को गिरफ्तार किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोग कथित तौर पर एजेंट के रूप में काम करते थे, आवेदकों से पैसा इकट्ठा करते थे और राज्य भर के विभिन्न स्कूलों में उन्हें रोजगार दिलाने का प्रबंध करते थे.
सीबीआई अधिकारी ने कहा, “हमें उनके खिलाफ ठोस सबूत मिले हैं.” उन्होंने कहा कि सीबीआई इन लोगों से लंबे समय से पूछताछ कर रही थी. एजेंसी अनियमितताओं के सिलसिले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला ?
आरोप है कि यह घोटाला 2014 में हुआ था. तब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन (SSC) ने पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी. यह भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी. उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे. इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं.
याचिकाकर्ताओं के आरोप
जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान मिला था. कुछ उम्मीदवारों का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दे दी गई. कुछ ऐसे उम्मीदवारों को भी नौकरी दी गई, जिन्होंने टीईटी परीक्षा भी पास नहीं की थी, जबकि राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी की परीक्षा पास होना अनिवार्य है. इसी तरह से राज्य में 2016 में एसएससी द्वारा ग्रुप डी की 13000 भर्ती के मामले में शिकायतें मिली थीं. इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई, जिसमें नेता, मंत्री, अफसर सब लोग फंसते चले गए.
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