"यह सवर्णों के लिए आरक्षण है, गरीब सवर्णों के लिए नहीं", EWS आरक्षण पर उदित राज का बयान

दस फीसदी EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हाल ही में मुहर लगी है. अदालत के फैसले को लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
नई दिल्ली:

दस फीसदी EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हाल ही में मुहर लगी है. अदालत के फैसले को लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है. कांग्रेस नेता उदित राज ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा है कि यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि यह सवर्णों के लिए आरक्षण है, यह गरीब सवर्णों के लिए नहीं है. कांग्रेस नेता ने कहा कि इस फैसले से 50% आरक्षण की सीमा टूट गई है. SC, ST और OBC समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी इस नए आरक्षण कोटे में शामिल किया जाना चाहिए.

उदित राज ने कहा कि इस जजमेंट में दो जजों जस्टिस ललिता और जस्टिस रविंद्र भट्ट ने कहा कि SC, ST और OBC समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी आरक्षण कोटे में शामिल किया जाना चाहिए.उनको नहीं शामिल किया गया इसका मतलब है कि उच्च जाति को आरक्षण दिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हमारी पार्टी की स्टैंड है हम इसका विरोध नहीं करते हैं. आय का क्राइटेरिया रखा गया है 8 lakh. जबकि 5 सदस्य वाले एक सामान्य परिवार की औसत इनकम देश में 72000 है. इसका मतलब यह है कि जो सवर्णों में गरीब हैं उनको इस आरक्षण का फायदा नहीं मिलेगा.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ईडब्ल्यूएस कोटा सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए 50% कोटा को बाधित नहीं करता है.  ईडब्ल्यूएस कोटे से सामान्य वर्ग के गरीबों को फायदा होगा.  ईडब्ल्यूएस कोटा कानून के समक्ष समानता और धर्म, जाति, वर्ग, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर और सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता है. वहीं जस्टिस रविंन्द्र भट्ट ने कहा कि इस 10% रिजर्वेशन में से एससी/एसटी/ ओबीसी को अलग करना भेदभावपूर्ण है.

Advertisement

ये भी पढ़ें- 

 

Featured Video Of The Day
Sambhal Violence: संभल हिंसा पर सियासत के बीच Pakistan वाला आतंकी कनेक्शन कैसे निकला | NDTV India
Topics mentioned in this article