त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा आज एक बार फिर से सीएम पद की शपथ लेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. वहीं विपक्षी कांग्रेस और सीपीएम के नेतृत्व वाली वामपंथी पार्टियों ने समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. भाजपा समर्थकों द्वारा की गई हिंसा के कारण ये फैसला लिया गया है.
वाम मोर्चे के एक बयान में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य माणिक सरकार और सीपीएम, सीपीआई, आरएसपी और फॉरवर्ड ब्लॉक के सचिवों को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राज्य सरकार द्वारा आमंत्रित किया गया था, लेकिन फ्रंट ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है. 2 मार्च को विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद से राज्य भर में "भाजपा समर्थकों और गुंडों द्वारा फैलाई गई हिंसा के कारण ये फैसला किया गया है".
कांग्रेस ने भी इसी आधार पर शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. त्रिपुरा राज्य कांग्रेस प्रमुख और पूर्व मंत्री बिरजीत सिन्हा ने कहा कि 2 मार्च को विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद से त्रिपुरा में हिंसा की एक हजार से अधिक घटनाएं हुई हैं. सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि हिंसा की सिलसिलेवार घटनाओं में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए.
सिन्हा ने आरोप लगाया कि हिंसा के दौरान रबर के बागानों, दुकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, वाहनों और घरों सहित कई संपत्तियों को जला दिया गया, जो अभी भी जारी है. त्रिपुरा कांग्रेस प्रमुख ने धमकी दी कि अगर हिंसा तुरंत नहीं रुकी तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा.
बता दें त्रिपुरा में माणिक साहा की अगुवाई वाला मंत्रिपरिषद् प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आज पद और गोपनीयता की शपथ लेगे.
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