कोलकाता में पहली अंडरवॉटर मेट्रो, हुगली नदी के नीचे 500 मीटर लंबी सुरंग से गुजरेगी

नदी के नीचे मट्रो के लिए 500 मीटर लंबा रेल टनल बनाया गया है, जो कि जमीन के 32 मीटर नीचे बनाया गया है. ये टनल हावड़ा मैदान से शुरू होकर सॉल्ट लेक सेक्टर 22 तक फैला हुआ है. ये मेट्रो शहर के कई महत्वपूर्ण इलाके को कनेक्ट करेगा.

Advertisement
Read Time: 10 mins

कोलकाता: नदी के नीचे चलती हुई मेट्रो के साथ एक बार फिर कोलकाता इतिहास रचने को तैयार है. यहां लोग अंडरवाटर मेट्रो से यात्रा करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. कोलकाता का ईस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर एक अनोखा मेट्रो कॉरिडोर है, जिसमें एक एलिवेटेड सेक्शन और अंडरग्राउंड सेक्शन और यहां तक ​​कि एक अंडरवाटर सेक्शन भी है. भारत में यह पहली अंडरवाटर मेट्रो परियोजना भी है.

अंडरवाटर सेक्शन का निर्माण, अब परीक्षणों के अंतिम चरण से गुजर रहा है. आखिरकार पूरी परियोजना, जिसकी परिकल्पना 1971 में की गई थी. लगभग 14 वर्षों के बाद पूरा होने के करीब है और ट्रेनें जल्द ही हुगली नदी के नीचे दौड़ेंगी.

जमीन के 32 मीटर नीचे है यह मेट्रो टनल
नदी के नीचे मट्रो के लिए 500 मीटर लंबा रेल टनल बनाया गया है, जो कि जमीन के 32 मीटर नीचे बनाया गया है. ये टनल हावड़ा मैदान से शुरू होकर सॉल्ट लेक सेक्टर 22 तक फैला हुआ है. ये मेट्रो शहर के कई महत्वपूर्ण इलाके को कनेक्ट करेगा. साथ ही ये मेट्रो कोलकाता और हावड़ा को जोड़ती है. इस टनल में मेट्रो का ट्रायल रन हो गया है. जल्द ही यह सेवा यात्रियों के लिए शुरू हो जाएगी. 

बीते दिनों में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस अंडरवाटर मेट्रो का एक वीडियो भी ट्वीटर पर शेयर किया था. उन्होंने लिखा था,  "ट्रेन पानी के अंदर चलती है! इंजीनियरिंग के एक और चमत्कार से ट्रेन का ट्रायल रन. हुगली नदी के नीचे मेट्रो रेल सुरंग और स्टेशन."

ये भी पढ़ें:-

INS Vikrant पर पहली बार तेजस की सफल लैंडिंग, भारत के लिए बड़ी कामयाबी

INS विक्रांत पर लैंड करते हुए LCA तेजस की गति सिर्फ 2.5 सेकंड में कैसे हुई 240 kmph से 0 kmph

Advertisement

INS Vikrant ने विदेश के पहले पीएम-ऑस्‍ट्रेलिया के एंथोनी अल्‍बनीज का किया स्‍वागत

Featured Video Of The Day
Jammu Kashmir में पहले चरण में 24 सीटों के लिए हुई Voting, बड़ी तादात में वोट डालने पहुंचे लोग
Topics mentioned in this article