"इनका दोहरा चरित्र जगजाहिर" : जातिगत जनगणना का मुद्दा SC पहुंचा तो ललन सिंह भाजपा पर भड़के

जातिगत जनगणना कराने के बिहार सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. जातिगत जनगणना के खिलाफ दायर याचिका में 6 जून को राज्य सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की गई है.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट कर ललन सिंह ने भाजपा पर हमला बोला है.
पटना:

बिहार में जातिगत जनगणना का शोर अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. इससे नाराज जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भाजपा पर जोरदार हमला किया है. साथ ही इसे भाजपा का जातिगत जनगणना में अड़ंगा डालना बताया है.

Advertisement

Advertisement

...तो अटॉर्नी जनरल को खड़ा करें

एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट कर ललन सिंह ने लिखा, "जब राष्ट्रीय स्तर पर जातीय गणना की मांग केंद्र सरकार ने अस्वीकार कर दिया तब 6 महीना तक अड़ंगा लगाने के बाद श्री@NitishKumar जी एवं श्री @yadavtejashwi जी के दबाव में बिहार सरकार को अपने खर्च पर जनहित में जातीय गणना करवाने की सहमति मिली थीं. अब यह कार्य प्रगति पर है तो भाजपा षड्यंत्र कर परोक्ष तौर पर सुप्रीम कोर्ट के बहाने इसे रुकवाने पर तुली है. यदि ये वाकई में बिहार में हो रही जातीय गणना के पक्षधर हैं तो सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के खिलाफ़ भारत के अटॉर्नी जनरल को खड़ा करें अन्यथा इनका दोहरा चरित्र जगजाहिर है. अब देश के सामने एक ही विकल्प है 2024 में बड़का झुट्ठा पार्टी (B.J.P) मुक्त भारत".

Advertisement

सुनवाई 20 जनवरी को

आपको बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. जातिगत जनगणना कराने के बिहार सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. जातिगत जनगणना के खिलाफ दायर याचिका में 6 जून को राज्य सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की गई है. बिहार निवासी अखिलेश कुमार ने ये याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई 20 जनवरी को करेगा.

Advertisement

जातिगत जनगणना से रोकने की भी मांग

याचिका में बिहार सरकार को जातिगत जनगणना से रोकने की भी मांग है. इसमें कहा गया है कि बिहार राज्य की अधिसूचना और फैसला अवैध, मनमाना, तर्कहीन, असंवैधानिक और कानून के अधिकार के बिना है. भारत का संविधान वर्ण और जाति के आधार पर भेदभाव पर रोक लगाता है. जाति संघर्ष और नस्लीय संघर्ष को खत्म करने के लिए राज्य संवैधानिक दायित्व के अधीन है. अखिलेश कुमार ने याचिका में सवाल उठाया है कि क्या भारत के संविधान ने राज्य सरकार को ये अधिकार दिया है, जिसके तहत वो जातीय आधार पर जनगणना कर सकती है? 

सुप्रीम कोर्ट के सामने इस याचिका में सात सवाल उठाए गए हैं 

बिहार सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराना क्‍या संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन है?

क्या भारत का संविधान राज्य सरकार को जातिगत जनगणना कराए जाने का अधिकार देता है? 

क्या 6 जून को बिहार सरकार के उपसचिव द्वारा जारी अधिसूचना जनगणना कानून 1948 के खिलाफ है?

क्या कानून के अभाव में जातिगत जनगणना की अधिसूचना, राज्य को कानूनन अनुमति देता है?

क्या राज्य सरकार का जातिगत जनगणना कराने का फैसला सभी राजनीतिक दलों द्वारा एकमत से लिया गया है?

क्या बिहार में जातिगत जनगणना के लिए राजनीतिक दलों का निर्णय सरकार पर बाध्यकारी है?

क्या बिहार सरकार का 6 जून का नोटिफिकेशन सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का अभिराम सिंह मामले में दिए गए फैसले के खिलाफ है?

यह भी पढ़ें-

लाठीचार्ज के बाद बिहार के बक्सर जिले में हंगामा : चौसा पॉवर प्लान्ट में घुसे किसान, पुलिस की एक गाड़ी में आग लगाई

युवती से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले जीजा-साले को छह माह से ढूंढ रही थी पुलिस, एक पकड़ा गया

"...तो कभी न खत्म होने वाला युद्ध हो सकता है" : इमरान खान ने पाकिस्तान सरकार को चेताया

पेरू में हिंसक प्रदर्शनों को रोकने के लिए रात में कर्फ्यू का आदेश, अब तक 40 लोगों की हो चुकी है मौत

Featured Video Of The Day
Rahul Gandhi Dhakka News : राहुल गांधी ने Pratap Sarangi के पास जाकर ऐसा क्या बोल दिया | Parliament