राष्ट्रपति को हटाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की. सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें भारत की राष्ट्रपति को हटाकर याचिकाकर्ता को राष्ट्रपति बनाने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता किशोर जे सावंत का कहना था कि 2004 के बाद से उन्हें राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन नहीं करने दिया जा रहा है.
सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच ने याचिका पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये किस तरह के अपमानजनक आरोप राष्ट्रपति पर लगा रहे हैं? ये याचिका पूरी तरह तुच्छ है. ये कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है. याचिका में दी गई टिप्पणियों को रजिस्ट्री रिकॉर्ड से हटाएगी. हम याचिका को खारिज करते हैं. रजिस्ट्री ये सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी याचिकाएं दाखिल न हों.
वहीं याचिकाकर्ता का कहना था कि ये भारत में संवैधानिक लोकतंत्र के मूल मूल्यों की फिर से व्याख्या करेगा. मैं एक पर्यावरणविद् हूं पर मुझे चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है. श्रीलंका का हालिया उदाहरण है, जहां राष्ट्रपति के घर में नागरिक घुस गए. रूस में क्या हो रहा है? मैं पूरी दुनिया के लिए काम करूंगा, जहां चीजें गड़बड़ हैं. राष्ट्रपति की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करने की जरूरत है.
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