दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini vaishnaw) ने BSNL के 62 हजार कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी दी है कि, काम करें, या घर जाएं. बीमार बीएसएनएल के लिए सरकार ने एक लाख साठ हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया है. इसे लेकर सरकार की आलोचना भी हो रही है. वैष्णव का एक ऑडियो लीक हुआ है जिसमें वे इस सरकारी कंपनी के कर्मचारियों को अगले दो साल खूब मेहनत करने को कह रहे हैं.
अश्विनी वैष्णव ने कर्मचारियों से कहा कि या तो वे काम करें या फिर वीआरएस ले लें, नहीं तो काम न करने वालों को जबरन वीआरएस दे दी जाएगी, जैसा रेलवे में किया गया.
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने बीएसएनएल को पटरी पर लाने के लिए हाल ही में 1.64 लाख करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी है. पैकेज के तीन हिस्से हैं - सेवाओं में सुधार, बहीखातों को मजबूत करना और फाइबर नेटवर्क का विस्तार.
केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले के बाद दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि सरकार बीएसएनएल को 4जी सेवाओं की पेशकश करने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी. उन्होंने कहा था कि, ‘‘हम बीएसएनएल को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'' दूरसंचार एक रणनीतिक क्षेत्र है, जहां सरकार बीएसएनएल की मदद के लिए प्रतिबद्ध है.
वैष्णव के मुताबिक, बीएसएनएल को 2019 में दिए गए पहले पुनरुद्धार पैकेज से कंपनी में स्थिरता आई और इसके बाद उसने परिचालन लाभ दर्ज किया. अब 1,64,156 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज के साथ बीएसएनएल एक व्यवहार्य इकाई बनेगी.
बीएसएनएल निजी कंपनियों के हाथों तेजी से बाजार हिस्सेदारी खो रही है और अगर प्रौद्योगिकी तथा सेवाओं के उन्नयन के लिए सरकारी मदद नहीं मिलती, तो वह गहरे संकट में फंस जाती. वैष्णव ने कहा था कि बीएसएनएल के 33,000 करोड़ रुपये के वैधानिक बकाया को इक्विटी में बदला जाएगा. साथ ही कंपनी इतनी ही राशि (33,000 करोड़ रुपये) के बैंक कर्ज के भुगतान के लिए बॉन्ड जारी करेगी.
वैष्णव ने बताया था कि पैकेज में 43,964 करोड़ रुपये का नकद हिस्सा शामिल है. पैकेज के तहत 1.2 लाख करोड़ रुपये गैर-नकद रूप में चार साल के दौरान दिए जाएंगे. उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) के विलय को भी मंजूरी दे दी है.
BSNL के हजारों कर्मचारी क्यों धरने पर बैठे हैं ?