प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने तेलंगाना में कथित बीमा चिकित्सा योजना घोटाले में धनशोधन जांच के सिलसिले में 144 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. एजेंसी ने 131 अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धनशोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया है. इनमें 97 भूखंड, छह विला, 18 व्यावसायिक दुकानें, छह कृषि भूमि और चार फ्लैट शामिल हैं. ये सम्पत्तियां हैदराबाद तथा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बेंगलुरु में अन्य स्थानों और नोएडा में हैं. ईडी ने प्रतिभूतियों और सावधि जमा के रूप में चल संपत्ति को भी कुर्क किया है.
इसने एक बयान में कहा कि इन संपत्तियों की कुल कीमत 144.4 करोड़ रुपये है और इन्हें आरोपियों ने अधिग्रहित किया था.
ईडी द्वारा धनशोधन का मामला तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा बीमा चिकित्सा योजना (आईएमएस) के अधिकारियों और दवा आपूर्तिकर्ता सहित निजी व्यक्तियों के खिलाफ निविदा प्रक्रिया में उल्लंघन, सरकारी धन की हेराफेरी" के लिए दायर आठ प्राथमिकियों का अध्ययन करने के बाद दर्ज किया गया था. इससे सरकारी खजाने को 211 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.
इसने कहा कि तत्कालीन आईएमएस निदेशक डॉ देविका रानी ने आईएमएस के संयुक्त निदेशक और अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से "सरकारी आदेशों के सभी मानदंडों और सभी विवेकपूर्ण कार्यालय प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया और ज्यादातर खरीद आदेश आपूर्तिकर्ता के. श्रीहरि बाबू और डॉ रानी, पी. राजेश्वर रेड्डी आदि द्वारा स्थापित बेनामी फर्मों को जारी किए."