सुप्रीम कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम और डेरा सच्चा सौदा के सात अनुयायियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर की सुनवाई ट्रांसफर कर चंडीगढ़ की अदालत में किये जाने का आदेश दिया है. इन सब पर 2015 में पंजाब के फरीदकोट के बरगारी कस्बे में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को बेअदबी के मुकदमे दर्ज हैं. बेअदबी की घटना के बाद एक आरोपी और डेरा के अनुयायी की पिछले साल नवंबर में हत्या कर दी गई थी.
दिसंबर में पांच डेरा अनुयायियों, सुखजिंदर सिंह, उर्फ सनी, शक्ति सिंह, रंजीत सिंह, उर्फ भोला, निशान सिंह और बलजीत सिंह द्वारा स्थानांतरण याचिका दायर की गई थी. जिसपर कोर्ट ने ये फैसला सुनाया.
क्या है पूरा मामला?
तीन मोटरसाइकिलों पर सवार छह अज्ञात हमलावरों ने 10 नवंबर को कथित तौर पर एक अन्य सह-आरोपी प्रदीप सिंह कटारिया उर्फ राजू धोधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. कटारिया की जब हत्या हुई तब वह जमानत पर था. नवंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के बठिंडा, मोगा और फरीदकोट जिलों से लंबित मुकदमे को दिल्ली या पंजाब के बाहर किसी भी नजदीकी राज्य की अदालत में स्थानांतरित करने से इनकार कर दिया था. हालांकि, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने नवीनतम याचिका को स्वीकार कर लिया.
गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की हुई थी चोरी
याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया था कि उनके जीवन को बड़ा खतरा है. मौजूदा मामले में विवाद के केंद्र में पंजाब राज्य में एक के बाद एक हुई बेअदबी की कई घटनाए हैं, जो जून 2015 में फरीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में एक गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की चोरी के साथ शुरू हुई थी. इसके बाद सितंबर में, फरीदकोट के जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों में पवित्र ग्रंथ के खिलाफ हस्तलिखित अपवित्र पोस्टर लगे हुए मिले थे.
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