गुजरात (Gujarat) में निचली अदालतों के 68 जजों के प्रमोशन पर रोक लगा दी गई है. यह रोक सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लगाई है. इन जजों में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराने वाले जज हरीश हसमुखभाई वर्मा भी शामिल हैं. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी 68 जलों को वापस उनके पुराने पदों पर भेजने के लिए कहा है. जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह फैसला दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रमोशन योग्यता-सह-वरिष्ठता के सिद्धांत और उपयुक्तता परीक्षण पास करने के आधार पर की जानी चाहिए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की सिफारिशें और बाद में सरकार द्वारा जारी अधिसूचना अवैध है.
दो न्यायिक अधिकारियों ने दी है चुनौती
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराने वाले न्यायिक मजिस्ट्रेट हरीश हसमुखभाई वर्मा सहित 68 न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इन जजों को 65% कोटा नियम के आधार पर पदोन्नति दी गई थी, जिसे सीनियर सिविल जज कैडर के दो न्यायिक अधिकारियों रविकुमार मेहता और सचिन प्रतापराय मेहता ने चुनौती दी है.
याचिका में ये है मांग
इस याचिका में 10 मार्च को गुजरात हाईकोर्ट द्वारा जारी की गई सूची और राज्य सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति की अधिसूचना को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है. साथ ही याचिका में गुजरात हाईकोर्ट को नियुक्ति के लिए योग्यता और वरिष्ठता के आधार पर नई सूची जारी करने का निर्देश देने की भी मांग है.
ये भी पढ़ें :
* SEBI पर आरोप लगाने के लिए याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा, कहा - कमेटी कर रही जांच
* दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में केजरीवाल सरकार फिर पहुंची सुप्रीम कोर्ट
* समलैंगिक विवाह से जुड़ी याचिकाओं पर SC में सुनवाई पूरी, कोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित