अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू उनकी पत्नी व रिश्तेदारों को सैकड़ों ठेके देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा दखल दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय से इस मामले में जवाब मांगा है. अदालत ने आरोपों पर जवाब मांगा है. अदालत ने ठेका का ब्योरा मांगा है. कोर्ट ने कहा कि किन लोगों को ठेका दिया गया और इसकी क्या प्रक्रिया है? क्या सीएम की पत्नी और रिश्तेदारों को ठेके दिए गए. अदालत ने CAG को भी फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं. अब अगली सुनवाई जुलाई में होगी.
सुनवाई के दौरान CJI संजीव खन्ना ने कहा कि कैग की रिपोर्ट न तो यहां है और न ही वहां. दोनों मंत्रालय इसमें मामले को साफ करें. हम जानना चाहते हैं कि इसके पीछे कौन हैं. सुप्रीम कोर्ट अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली फर्मों को सार्वजनिक कार्यों के लिए ठेके दिए जाने की सीबीआई या SIT जांच की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
याचिकाकर्ता की तरफ से प्रशांत भूषण ने रखी बात
दो याचिकाकर्ता एनजीओ सेव मोन रीजन फेडरेशन और वॉलंटरी अरुणाचल सेना की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि राज्य में सभी सरकारी ठेके उनके करीबी परिवार के सदस्यों को दिए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री पेमा खांडू के रिश्तेदारों की कंपनियों को सार्वजनिक अनुबंधों के कथित अनियमित आवंटन की SIT जांच के निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा कि CM की पत्नी की कंपनियों को सैकड़ों करोड़ के 70 अनुबंध दिए गए. CAG रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ है. राज्य में सिर्फ दंगे और लूट हो रही है. राज्य और सीबीआई द्वारा दायर जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि रोजगार सृजन के लिए जमीन मुफ्त दी गई है. वहीं राज्य सरकार ने याचिका का विरोध किया और कहा कि हमारे पास 28 जिले हैं, केवल एक जिले में यह आरोप लगे हैं.
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