"निष्पक्ष होने की उम्मीद, बदला लेने की नहीं": ईडी को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने आज अपलोड किए गए अपने फैसले में कहा, "ईडी की हर कार्रवाई पारदर्शी, निष्पक्ष और कार्रवाई में निष्पक्षता के प्राचीन मानकों के अनुरूप होने की उम्मीद है." 

Advertisement
Read Time: 6 mins

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कल दो गिरफ्तारियां रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि जांच एजेंसी प्रतिशोध की भावना से काम नहीं कर सकती और उसे उच्चतम स्तर की निष्पक्षता के साथ काम करते हुए दिखना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुग्राम स्थित रियल्टी समूह एम3एम के निदेशक बसंत बंसल और पंकज बंसल की गिरफ्तारी को रद्द कर दिया.

बंसल ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने आज अपलोड किए गए अपने फैसले में कहा, "ईडी की हर कार्रवाई पारदर्शी, निष्पक्ष और कार्रवाई में निष्पक्षता के प्राचीन मानकों के अनुरूप होने की उम्मीद है." अदालत ने कहा, इस मामले में, तथ्यों से पता चलता है कि जांच एजेंसी "अपने कार्यों का निर्वहन करने और अपनी शक्तियों का प्रयोग करने में विफल रही."

न्यायाधीशों ने कहा, "ईडी से अपने आचरण में प्रतिशोधी होने की उम्मीद नहीं की जाती है." उन्होंने कहा कि पूछे गए सवालों का जवाब देने में आरोपियों की विफलता प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त आधार नहीं हो सकती है. ED को यह विश्वास करने के लिए विशेष रूप से कारण ढूंढना होगा कि आरोपी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपराध के दोषी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "समन के जवाब में केवल असहयोग करना किसी को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा."

ये भी पढ़ें : महाराष्ट्र अस्पताल मौत केस : अस्पताल के डीन ने सांसद हेमंत पाटिल के खिलाफ एट्रोसिटी के तहत FIR दर्ज़ कराई

ये भी पढ़ें : सिक्किम : तीस्ता नदी ने लिया रौद्र रूप, पुल धारासाई, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Featured Video Of The Day
Haryana Elections: BJP और Congress का Manifesto, किसका देगी जनता साथ? | NDTV Cafe