सुप्रीम कोर्ट से गूगल को झटका लगा है. अदालत ने CCI द्वारा लगाए गए 1338 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने सीसीआई के आदेश के पालन की मियाद एक हफ्ता और बढ़ा दी है. साथ ही मामले को NCLAT के पास एक बार फिर भेज दिया गया है. NCLAT को सीसीआई के फैसले के खिलाफ अपील पर 31 मार्च तक निपटारा करने को कहा है. CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने इस मुद्दे पर सुनवाई की. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने गूगल से पूछा था कि क्या वो वही व्यवस्था लागू करने के इच्छुक हैं जो आपने यूरोप में रखी गई है.
दरअसल केंद्र सरकार ने कहा था कि गूगल ने यूरोप और भारत के बीच अलग- अलग नीति अपनाई है.उसने यूरोप में ऐसे ही मामले में 4 बिलियन यूरो का जुर्माना दिया है. जबकि भारत में वो जुर्माने के फैसले को चुनौती दे रहा है. CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने गूगल पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ये आदेश 20 अक्टूबर 2022 को पारित किया गया था.
दिसंबर में अपील दायर की गई थी. आप आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकते थे. कृत्रिम आपातकाल बनाया जा रहा है. आप एक ऐसी आपात स्थिति पैदा कर रहें ताकि ट्रिब्यूनल तारीख बढ़ाने के लिए विवश हो जाए. वहीं गूगल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखते हुए कहा कि यह सही नहीं है. अनुपालन की तिथि 19 जनवरी है.अपील दायर की गई थी.जब मामला NCLAT में आया तो जज ने कहा कि मामला बड़ा है.हमने कहा कि कृपया 13-16 जनवरी के बीच कभी भी सुन लें. असाधारण निर्देशों के लिए अपील और सूट दायर किया गया था. हमने Android बनाया है जो सबसे अच्छा सॉफ्टवेयर है.
गौरतलब है कि दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अक्तूबर 2022 में गूगल की सहायक कंपनी एड्रॉयड इंक पर बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का अनुचित लाभ उठाने के चलते 1338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ ने गूगल की अपील पर 16 जनवरी को सुनवाई के लिए सहमति जताई थी. गूगल ने एनसीलेट के अंतरिम आदेश पर रोक मांगी थी. जिसमें उसे 19 जनवरी तक जुर्माने की राशि का 10% जमा करने को कहा गया था और सीसीआई के जुर्माने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
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