सुप्रीम कोर्ट ने अनाथ बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा का आदेश दिया

अदालत ने आदेश दिया कि दिल्ली, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात ने पहले ही शिक्षा का अधिकार यानी आरटीई अधिनियम की धारा 12(1)(सी) की परिभाषा के अंतर्गत अनाथों को शामिल करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. 

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  • SC ने अनाथ बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा के लिए राइट टू एजुकेशन के तहत शामिल करने का आदेश दिया है
  • सभी राज्यों को वंचित वर्गों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण में अनाथ बच्चों को शामिल करने की अधिसूचना जारी करनी होगी
  • पीठ ने सभी राज्यों को चार सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है
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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने अनाथ बच्चों को राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा के लिए शामिल करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को कमजोर वर्गों और वंचित समूहों के बच्चों के लिए 25 फीसदी कोटे में अनाथ बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति देने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए कहा है. 

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने निर्देश दिया कि सभी राज्य चार हफ्ते में ये अधिसूचना जारी करें. इसके बाद इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट को सूचित करें. सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, "मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों ने इस संबंध में पहले ही अधिसूचना जारी कर दी है". इसलिए, उसने बाकी राज्यों को भी चार सप्ताह में ऐसा ही करने का आदेश दिया.

अदालत ने आदेश दिया कि दिल्ली, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात ने पहले ही शिक्षा का अधिकार यानी आरटीई अधिनियम की धारा 12(1)(सी) की परिभाषा के अंतर्गत अनाथों को शामिल करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है.  अन्य राज्य भी यही अधिसूचना जारी करेंगे. यह प्रक्रिया 4 सप्ताह के भीतर पूरी कर ली जाए. इसके बाद राज्य सुप्रीम कोर्ट को सूचित करेंगे.

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