ED निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई से जस्टिस संजय किशन कौल ने खुद को किया अलग

इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. जिसमें कहा, ये याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं है. कार्यकाल के विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाएं राजनीति से प्रेरित हैं.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
CBI और ED निदेशकों के कार्यकाल को बढ़ाने के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस भी SC पहुंची है.
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट जस्टिस संजय किशन कौल ने खुद को अलग कर लिया है. अब मामले को CJI डीवाई चंद्रचूड़ के पास दूसरी बेंच में लगाने के लिए भेजा गया है. सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने कहा कि वो इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते. वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि संजय मिश्रा को कल फिर विस्तार दे दिया गया है. मामले की जल्द सुनवाई हो. जस्टिस कौल ने कहा कि CJI ही तय करेंगे.

इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. जिसमें कहा, ये याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं है. कार्यकाल के विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाएं राजनीति से प्रेरित हैं. याचिकाकर्ता उन राजनीतिक दलों से संबंधित हैं जिनके नेता वर्तमान में ED की जांच के दायरे में हैं. हलफनामे में केंद्र ने कहा कि याचिकाकर्ता जया ठाकुर, साकेत गोखले, रणदीप सिंह सुरजेवाला और महुआ मोइत्रा या तो कांग्रेस पार्टी या तृणमूल कांग्रेस के हैं, जिनके शीर्ष नेताओं की जांच ED  द्वारा की जा रही है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) निदेशकों का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाने के अध्यादेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. कुल 8 याचिकाओं पर सुनवाई हुई है. याचिकाओं में अध्यादेश को असंवैधानिक करार देने की मांग की गई है. CBI और ED निदेशकों के कार्यकाल को बढ़ाने के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दाखिल की याचिका में अध्यादेशों को रद्द करने की मांग की है. इससे पहले TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने भी याचिका दाखिल की है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bollywood के लेखकों ने खोले Industry के राज़ | NDTV Creators Manch 2025 | South Movies
Topics mentioned in this article