यूपी के गोरखपुर में कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच की याचिका पर यूपी सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले में अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की सिफारिश की है? जिस पर पर मनीष गुप्ता की पत्नी की ओर से कहा गया कि एक प्रेस नोट दिया गया था कि मामले की जांच की सीबीआई के लिए सिफारिश की गई है. लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी कुछ नहीं किया गया है. यहां तक कि यूपी पुलिस की SIT ने क्राइम सीन का रिकंस्ट्रक्शन भी नहीं किया है.
बता दें कि कारोबारी मनीष गुप्ता की पत्नी ने दाखिल की याचिका में मामले की जांच को CBI को ट्रांसफर करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि उन्हें यूपी पुलिस की SIT जांच पर भरोसा नहीं है. यूपी पुलिस ने इस मामले में शुरू से ही आरोपियों को बचाने की कोशिश की है. पहले इसे दुर्घटना बताया गया, फिर 48 घंटे बाद FIR दर्ज की गई. लिहाजा मामले की जांच CBI को सौंपी जाए और ट्रायल को दिल्ली की CBI कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए.
गौरतलब है कि कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता 27 सितंबर की सुबह आठ बजे गोरखपुर अपने दो दोस्तों हरवीर व प्रदीप के साथ घूमने गए थे. तीनों युवक तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस में ठहरे थे. 27 सितंबर की रात ही रामगढ़ताल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, फलमंडी चौकी प्रभारी रहे अक्षय मिश्रा सहित छह पुलिस वाले आधी रात के बाद होटल में चेकिंग को पहुंच गए थे. कमरे की तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया.
आरोप है कि पुलिस वालों ने उनकी पिटाई कर दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई. शुरुआत में पुलिस की ओर से नशे में गिरने से मौत बताया गया था, मगर बाद में केस दर्ज किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीष के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले हैं. मनीष की पत्नी मीनाक्षी की शिकायत पर पुलिस ने तीन नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है.
गोरखपुर: कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले में CBI जांच की सिफारिश