"देखना होगा कि 15 अगस्त 1947 को क्या धार्मिक स्वरूप था": सुप्रीम कोर्ट की ज्ञानवापी मामले में अहम टिप्‍पणी 

सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष का कहना था कि हिंदू पक्ष का दावा सुनवाई के लायक ही नहीं है. प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के रहते इस मामले पर सुनवाई ही नहीं होनी चाहिए. 

विज्ञापन
Read Time: 23 mins
मुस्लिम पक्ष का कहना था कि हिंदू पक्ष का दावा सुनवाई के लायक ही नहीं है. (फाइल)
नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शुक्रवार को ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Case) में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्‍पणी की है. अदालत ने कहा कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (Places of Worship Act) कहता है कि किसी धार्मिक स्थल का स्वरूप बदला नहीं जा सकता है. ऐसे में ये देखना होगा कि आजादी के वक्‍त यानी 15 अगस्त 1947 को इस जगह का क्या धार्मिक स्वरूप था. उस दिन जो धार्मिक स्वरूप होगा, उससे यह तय होगा कि क्या इस एक्ट के वजूद में रहने के बावजूद इस मामले को सुना जा सकता है या नहीं, इसके लिए सबूत लाने होंगे. अब इस मामले में अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी. ज्ञानवापी मामले में कुल तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं. 

दरअसल,  मुस्लिम पक्ष का कहना था कि हिंदू पक्ष का दावा सुनवाई के लायक ही नहीं है. प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के रहते इस मामले पर सुनवाई ही नहीं होनी चाहिए. 

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने ज्ञानवापी मामले में सुनवाई की.  

Advertisement

हिन्दू पक्ष ने कहा कि कुल तीन याचिकाएं है जिन पर सुनवाई करनी है, जिसमें से एक याचिका श्रृंगार गौरी मामले में  मेंटेनेबिलिटी का है और दूसरा मामला कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति के मामले को मुस्लिम पक्ष ने चुनौती दी है. वहीं तीसरा मामला मामला वजू टैंक की ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे की मांग वाली याचिका है. 

Advertisement

मुस्लिम पक्ष की तरफ से हुजैफा अहमदी ने कहा कि मुख्‍य याचिका मेंटेनेबिलिटी की है और अगर यह मेंटेनेबिल नहीं रहा तो बाकी के कोई मायने नहीं हैं. हुजैफा अहमदी ने कोर्ट से कहा कि सुनवाई टाल दी जाए और किसी रेगुलर मैटर वाले दिन सुनवाई की जाए. आज का कोर्ट का वक्त समाप्त हो रहा है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें :

* निजी स्कूलों को फीस वापस करने के HC के आदेश पर लगी रोक हटी, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
* NCP प्रमुख शरद पवार गुट की तरफ से दाखिल विधायकों की अयोग्यता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू
* 26 हफ्ते के भ्रूण के गर्भपात का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जांच कराएंगे, भ्रूण में कोई असामान्यता तो नहीं

Advertisement
Featured Video Of The Day
Jaipur CNG Tanker Blast: क्या टाला जा सकता था हादसा? NDTV की रियलिटी रिपोर्ट
Topics mentioned in this article