सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों में दोषी नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार देने की याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को केंद्र से इस मामले में उसके रुख के बारे में पूछा. अदालत ने केंद्र से पूछा कि क्या वो दोषी ठहराए जाने वाले नेताओं को चुनाव लड़ने से अयोग्य करार देने का इच्छुक है. जवाब में केंद्र के वकील ने कहा कि वो निर्देश लेंगे. पिछली सुनवाई में CJI एनवी रमना ने कहा था कि इस याचिका पर लंबी सुनवाई करेगा जिसमें मांग की गई है दोषी सांसदों और विधायकों, पूर्व और मौजूदा, को अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए. महज दोषी करार देने पर ही सांसद या विधानसभाओं का चुनाव लड़ने से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.
CJI ने कहा था कि याचिका "दूरगामी प्रभाव और परिणामों" के साथ एक "परेशान करने वाला सवाल" उठाती है. अदालत ने कहा था कि हम सभी हितधारकों को अवसर देने के बाद, उचित तिथि पर मामले की लंबी सुनवाई करना आवश्यक समझते हैं. दरअसल अभी तक दो साल से ज्यादा सजा पाने वालों को ही छह साल के लिए चुनाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है.
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हालांकि भ्रष्टाचार और NDPS के केसों में महज दोषी करार देना ही काफी है. CJI एन वी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ चुनाव सुधार पर बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिका में मांग की गई है कि महज किसी मामले में दोषी करार देने पर ही चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिया जाना चाहिए.
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