- सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की जमानत की शर्त संख्या छह में ढील दी है.
- अब्बास अंसारी को उत्तर प्रदेश से बाहर यात्रा करने की अनुमति दी गई है बशर्ते जांच अधिकारी को जानकारी दें.
- अदालत ने कहा कि अब्बास अंसारी सार्वजनिक रूप से अपने आर्थिक या रोजगार से संबंधित बयान दे सकते हैं.
मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी की जमानत की शर्तें हटा दी हैं. अब्बास अंसारी इस राहत के बाद यूपी से बाहर जा सकेंगे. अदालत ने कहा कि अंतरिम ज़मानत देते समय याचिकाकर्ता पर लगाई गई शर्त संख्या 6(iii) में ढील दी जाती है और याचिकाकर्ता को उत्तर प्रदेश से बाहर यात्रा करने की अनुमति है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए दिलचस्प टिप्पणी दी. उन्होंने कहा कि अंसारी को चुप कराने का कोई इरादा नहीं है, बल्कि हम अदालत को सोशल मीडिया पर हमले से बचाना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए कहा कि अब्बास अंसारी सार्वजनिक रूप से बोल सकते हैं या नहीं? जब अंसारी की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अंसारी पर लगाई गई सार्वजनिक बयान न देने की शर्त में भी ढील देने का अनुरोध किया.
जस्टिस कांत ने कहा, 'वह ऐसा कर सकते हैं. मान लीजिए, वह आर्थिक स्थिति या रोज़गार पर सार्वजनिक बयान देना चाहते हैं. तो शर्त यह है कि विभिन्न अदालतों में विचाराधीन मामलों के संबंध में कोई सार्वजनिक बयान न दिया जाए.' जस्टिस कांत ने टिप्पणी की कि यह अदालतों को सोशल मीडिया के हमले से बचाने का सवाल है.
कपिल सिब्बल ने यह भी अनुरोध किया कि अंसारी को लखनऊ में आवंटित सरकारी आवास में रहने की शर्त में भी ढील दी जाए. परिवार के आकार को देखते हुए, अंसारी लखनऊ में किराए का मकान लेना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उक्त शर्त में भी ढील दी. हालांकि, अंसारी को पते में हुए बदलाव की सूचना स्थानीय पुलिस को देनी होगी.
उत्तर प्रदेश गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में ज़मानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पारित किया. कोर्ट ने कहा, 'याचिकाकर्ता के वकील ने आश्वासन दिया है कि जब तक स्पष्ट छूट नहीं दी जाती, याचिकाकर्ता निचली अदालत में उपस्थित होकर सहयोग करेगा. यदि उन्हें छूट दी गई है, तो यह वचनबद्धता है कि वकील उपस्थित रहेंगे और निचली अदालत के साथ सहयोग करेंगे.
अदालत ने कहा कि अंतरिम ज़मानत देते समय याचिकाकर्ता पर लगाई गई शर्त संख्या 6(iii) में ढील दी जाती है और याचिकाकर्ता को उत्तर प्रदेश से बाहर यात्रा करने की अनुमति है. बशर्ते वह जांच अधिकारी के समक्ष यात्रा स्थल का विवरण और संपर्क नंबर शेयर करें. याचिकाकर्ता यह सुनिश्चित करेगा कि ट्रायल
की कार्यवाही में कोई बाधा न आए.