वकीलों के ड्रेस कोड से काले गाउन को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, भारत में गर्मी का हवाला दिया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अधिवक्ताओं को गर्मी के दौरान शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय में काला कोट और गाउन (Black Gown) पहनने की अनिवार्यता से छूट देने की मांग करने वाली याचिका का खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि इसके लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया में जाएं.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें अधिवक्ताओं को गर्मी के दौरान शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय में काला कोट (Black coat) और गाउन पहनने की अनिवार्यता से छूट देने की मांग की गई है. न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि वह अनुच्छेद 32 के तहत इस याचिका पर विचार नहीं कर सकती और याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी शिकायत लेकर भारतीय विधिज्ञ परिषद (BCI) के पास जाएं. शीर्ष अदालत ने वकील शैलेंद्र मणि त्रिपाठी को यह भी छूट दी कि अगर बीसीआई उनकी याचिका पर कार्रवाई नहीं करता है, तो वह फिर से शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली और इसी के साथ मामला खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह पेश हुए. याचिका में नियमों में संशोधन करने और वकीलों को काला कोट और गाउन पहनने से छूट देने की समय अवधि तय करने का निर्देश राज्य विधिज्ञ परिषद (बार काउंसिल) को देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि भीषण गर्मी के दौरान कोट पहनने से अधिवक्ताओं के लिए एक अदालत से दूसरी अदालत में जाना मुश्किल हो जाता है.

वकीलों का ड्रेस कोड अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों द्वारा शासित होता है. इसके तहत एक वकील के लिए सफेद शर्ट और सफेद नेकबैंड के साथ एक काला कोट पहनना अनिवार्य है. नियमों के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में पेश होने के अलावा अधिवक्ता के लिए गाउन पहनना वैकल्पिक है.

ये भी पढ़ें: 

'आरे' जंगल में पेड़ काटने की तस्‍वीरें आई सामने, 2 एक्टिविस्‍ट को हिरासत में लेने की खबर

Featured Video Of The Day
New Chief Justice Of India: जस्टिस सूर्यकांत बने देश के 53वें CJI, इतने महीने का होगा कार्यकाल
Topics mentioned in this article